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दिल्ली में आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के बीच संपत्ति बंटवारा: 58:42 अनुपात में बंटेगी जमीन, जानें किसे क्या मिलेगा

जमीन सहित कुल 19.776 एकड़ संपत्ति का विभाजन हो चुका है। इस लेख में जानें कि दोनों राज्यों को क्या-क्या मिला और आगे की योजना क्या है।

Andhrapradesh vs Telengana: आंध्र प्रदेश के विभाजन के 11 साल बाद, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना ने दिल्ली में स्थित अपनी संपत्तियों का बंटवारा 58:42 के जनसंख्या अनुपात में करने का फैसला किया है। आंध्र भवन और पटौदी हाउस की जमीन सहित कुल 19.776 एकड़ संपत्ति का विभाजन हो चुका है। इस लेख में जानें कि दोनों राज्यों को क्या-क्या मिला और आगे की योजना क्या है।

दिल्ली में संपत्ति बंटवारे का समझौता

आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2014 के तहत, दिल्ली में संयुक्त आंध्र प्रदेश की संपत्तियों का बंटवारा जनसंख्या अनुपात (58:42) के आधार पर किया गया है। इसके तहत:

आंध्र प्रदेश को 11.536 एकड़ जमीन।

तेलंगाना को 8.24 एकड़ जमीन।

आंध्र भवन में ब्लॉक आवंटन को लेकर लंबे समय से चला आ रहा विवाद भी सुलझ गया है। दोनों राज्यों के मुख्य सचिव जल्द ही इस बंटवारे को औपचारिक रूप देने के लिए दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करेंगे।

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किसे क्या मिला?

आंध्र भवन:

•आंध्र प्रदेश को गोदावरी और स्वर्णा मुखी ब्लॉक।

•तेलंगाना को सबरी ब्लॉक।

पटौदी हाउस: दोनों राज्यों को बराबर हिस्सा।

आंध्र प्रदेश सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “हमें गृह मंत्रालय से बंटवारे को औपचारिक रूप देने का पत्र मिल चुका है। दोनों राज्य अब अपने-अपने भवनों के निर्माण की प्रक्रिया शुरू करेंगे।”

नए भवनों का निर्माण

बंटवारे के बाद, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना अपने-अपने भवनों का निर्माण शुरू करेंगे।

तेलंगाना: 18 महीने पहले ही डिजाइन प्रक्रिया शुरू कर चुका है, लेकिन अभी डिजाइन को अंतिम रूप नहीं मिला।

आंध्र प्रदेश: मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने डिजाइन को मंजूरी नहीं दी है, और नई डिजाइन प्रक्रिया शुरू होगी।

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वर्तमान आंध्र भवन एक पुरानी इमारत है, जिसे तोड़कर दोनों राज्य नई आधुनिक इमारतें बनाने की योजना बना रहे हैं।

दिल्ली में इतनी जमीन कहां से आई?

संयुक्त आंध्र प्रदेश के पास दिल्ली में 19.776 एकड़ जमीन की मौजूदगी का इतिहास पुराना है।

1917, 1928, और 1936 में हैदराबाद के निजाम ने भारत सरकार से 18.18 एकड़ जमीन खरीदी थी, जिस पर हैदराबाद हाउस बनाया गया।

बाद में, एनटी रामाराव सरकार ने हैदराबाद हाउस केंद्र सरकार को सौंप दिया। इसके बदले में आंध्र प्रदेश को 1 अशोका रोड, 7.56 एकड़ पटौदी हाउस, और 1.21 एकड़ नर्सिंग हॉस्टल की जमीन मिली।

बंटवारे का महत्व

यह बंटवारा आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2014 के तहत एक महत्वपूर्ण कदम है। दोनों राज्यों के बीच संपत्ति विवाद को सुलझाने से न केवल प्रशासनिक प्रक्रिया आसान होगी, बल्कि दिल्ली में दोनों राज्यों की नई पहचान स्थापित होगी। आंध्र भवन और पटौदी हाउस जैसे प्रतिष्ठित स्थानों का उपयोग दोनों राज्य अपने प्रशासनिक और सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए करेंगे।

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11 साल के लंबे इंतजार के बाद, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के बीच दिल्ली की संपत्तियों का बंटवारा अंततः तय हो गया है। 58:42 के अनुपात में हुए इस विभाजन के तहत आंध्र भवन और पटौदी हाउस की जमीन बांट दी गई है। दोनों राज्य अब नए भवनों के निर्माण की दिशा में काम शुरू करेंगे। यह कदम दोनों राज्यों के लिए एक नई शुरुआत है, जो उनकी स्वतंत्र पहचान को और मजबूत करेगा।

 

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