छत्तीसगढ़
Bilaspur News:”नाम-स्मरण से मिटे अंधकार, प्रह्लाद भक्ति बनी अमर मिसाल”-आचार्य संदीप तिवारी
श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के तृतीय दिवस पर कथा वाचक आचार्य संदीप तिवारी ने भगवान के नाम की महिमा का भावपूर्ण वर्णन किया। आचार्य ने कहा कि कलियुग में भगवान के नाम का स्मरण ही सभी दुखों का अंत करता है। नाम स्मरण से न केवल मन की शुद्धि होती है, बल्कि जीवन में अद्भुत शांति और आनंद का संचार होता है।

BILASPUR NEWS. श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के तृतीय दिवस पर कथा वाचक आचार्य संदीप तिवारी ने भगवान के नाम की महिमा का भावपूर्ण वर्णन किया। आचार्य ने कहा कि कलियुग में भगवान के नाम का स्मरण ही सभी दुखों का अंत करता है। नाम स्मरण से न केवल मन की शुद्धि होती है, बल्कि जीवन में अद्भुत शांति और आनंद का संचार होता है।
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आचार्य जी ने समझाया कि जैसे गंदे जल में स्नान करने से शरीर शुद्ध नहीं हो सकता, वैसे ही अशुद्ध विचारों में डूबे मन को केवल भगवान के नाम का अमृत ही शुद्ध कर सकता है। “राम”, “कृष्ण”, “गोविंद”, “हरि” जैसे नाम मात्र का उच्चारण भी पापों को नष्ट कर देता है और हृदय में भक्ति का प्रकाश फैलाता है।
कथा के दौरान भक्त प्रह्लाद का प्रेरक चरित्र श्रोताओं के सामने आया। असुरराज हिरण्यकशिपु का पुत्र होते हुए भी प्रह्लाद ने अपने जीवन को भगवान विष्णु की भक्ति में अर्पित किया। कठोर यातनाओं, अग्नि, सर्प और शस्त्रों से डराने के बाद भी उनका विश्वास अडिग रहा।

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आचार्य ने बताया कि प्रह्लाद का अटूट विश्वास और भगवान के नाम पर अडिग आस्था ही उन्हें अमर बना गई। उनके जीवन से हमें यह शिक्षा मिलती है कि परिस्थितियाँ कैसी भी हों, यदि मन में भक्ति और भगवान का नाम है तो कोई भी शक्ति हमें डिगा नहीं सकती।
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कथा वाचक आचार्य संदीप तिवारी ने कथा के अंत में श्रोताओं से आग्रह किया कि वे प्रतिदिन भगवान का नाम लें और जीवन में सत्य, प्रेम और करुणा को अपनाएँ, यही सच्ची भक्ति है।