छत्तीसगढ़

Bilaspur News:हाईकोर्ट ने खारिज की बीएड-शिक्षकों की याचिका, लैब-असिस्टेंट बनाने के फैसले को बताया उचित

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बर्खास्त बीएड-शिक्षकों की याचिका को खारिज कर दिया है। ये याचिकाएं उस कैबिनेट निर्णय को चुनौती देते हुए दायर की गई थीं, जिसमें बर्खास्त शिक्षकों को लैब-असिस्टेंट के पद पर समायोजित करने का प्रावधान किया गया था। अदालत ने माना कि यह फैसला शिक्षकों के हित में है और इसमें कोई कानूनी खामी नहीं है।

BILASPUR NEWS. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बर्खास्त बीएड-शिक्षकों की याचिका को खारिज कर दिया है। ये याचिकाएं उस कैबिनेट निर्णय को चुनौती देते हुए दायर की गई थीं, जिसमें बर्खास्त शिक्षकों को लैब-असिस्टेंट के पद पर समायोजित करने का प्रावधान किया गया था। अदालत ने माना कि यह फैसला शिक्षकों के हित में है और इसमें कोई कानूनी खामी नहीं है।
मामला क्या था
जांजगीर-चांपा निवासी संजय कुमार और मुंगेली निवासी विजय कश्यप ने अप्रैल 2025 में राज्य सरकार के कैबिनेट निर्णय को चुनौती दी थी। उनका तर्क था कि स्कूल शिक्षा सेवा नियमों के अनुसार सहायक शिक्षक (विज्ञान/लैबोरेटरी) पदों पर 100% सीधी भर्ती होनी चाहिए। साथ ही, बर्खास्त शिक्षकों को गणित/विज्ञान में हायर सेकेंडरी पास करने के लिए अतिरिक्त तीन साल का समय देना नियमों का उल्लंघन है और इससे नए अभ्यर्थियों के अवसर प्रभावित होंगे।
सरकार का पक्ष
राज्य शासन ने अदालत को बताया कि कुल 4,422 रिक्त पदों में से 2,621 बर्खास्त शिक्षकों को समायोजित किया गया है। ये वही शिक्षक हैं जिन्हें 2024 में हाईकोर्ट के आदेश के बाद सेवा से बाहर कर दिया गया था।
इन शिक्षकों के पास बीएड की डिग्री थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद डीएड योग्यता अनिवार्य कर दी गई, जिसके चलते उनकी सेवाएं समाप्त करनी पड़ीं। शासन ने तर्क दिया कि यह फैसला केवल शिक्षकों के हित में लिया गया है ताकि वे पूरी तरह बेरोजगार न हो जाएं।
अदालत का फैसला
हाईकोर्ट ने सरकार के पक्ष को स्वीकार करते हुए याचिकाकर्ताओं की दलीलों को खारिज कर दिया। अदालत ने कहा कि राज्य शासन ने व्यापक दृष्टिकोण से शिक्षकों के हित को ध्यान में रखकर यह निर्णय लिया है, इसलिए इसमें किसी प्रकार का हस्तक्षेप उचित नहीं है।

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