छत्तीसगढ़
Bilaspur News: HC ने कहा ‘डॉक्टरों को दोषी ठहराने के लिए ठोस सबूत जरूरी, गोल्डी छाबड़ा केस में अपोलो अस्पताल के चार सीनियर डॉक्टर बरी
बिलासपुर हाईकोर्ट ने गोल्डी छाबड़ा डेथ केस में एक अहम फैसला सुनाते हुए अपोलो अस्पताल के चार वरिष्ठ डॉक्टरों को बड़ी राहत दी है। अदालत ने कहा कि मेडिकल लापरवाही का आरोप केवल संदेह या अनुमान के आधार पर साबित नहीं किया जा सकता, जब तक इसके ठोस प्रमाण न हों। इसी आधार पर कोर्ट ने डॉक्टरों के खिलाफ दर्ज एफआईआर और चार्जशीट दोनों को निरस्त कर दिया।

BILASPUR NEWS. बिलासपुर हाईकोर्ट ने गोल्डी छाबड़ा डेथ केस में एक अहम फैसला सुनाते हुए अपोलो अस्पताल के चार वरिष्ठ डॉक्टरों को बड़ी राहत दी है। अदालत ने कहा कि मेडिकल लापरवाही का आरोप केवल संदेह या अनुमान के आधार पर साबित नहीं किया जा सकता, जब तक इसके ठोस प्रमाण न हों। इसी आधार पर कोर्ट ने डॉक्टरों के खिलाफ दर्ज एफआईआर और चार्जशीट दोनों को निरस्त कर दिया।
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मेडिकल रिपोर्ट ने दी साफ़ क्लीन चिट
इस मामले में गठित राज्य स्तरीय मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट में कहा गया कि इलाज के दौरान डॉक्टरों ने सभी आवश्यक चिकित्सीय प्रक्रियाओं का पालन किया। कार्डियोलॉजिस्ट सहित विशेषज्ञों की टीम ने जांच के बाद स्पष्ट किया कि उपचार में कोई लापरवाही नहीं हुई।
2016 से चल रहा था विवाद
25 दिसंबर 2016 को गोल्डी छाबड़ा को गंभीर हालत में अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मल्टीपल ऑर्गन फेल्योर के कारण अगले दिन उसकी मौत हो गई थी। परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत की, लेकिन जांच में कोई ठोस प्रमाण नहीं मिले। इसके बाद हाईकोर्ट के आदेश पर सरकंडा थाने में चार डॉक्टरों—डॉ. सुनील कुमार कुडिया, डॉ. देवेंद्र सिंह, डॉ. राजीव लोचन भांजा और डॉ. मनोज कुमार राय—के खिलाफ केस दर्ज हुआ था।
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‘डॉक्टरों को अनावश्यक आपराधिक मुकदमे में न फंसाया जाए’
हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि जब तक किसी चिकित्सक की ओर से स्पष्ट और प्रत्यक्ष लापरवाही न हो, तब तक उसे अपराधी के रूप में नहीं देखा जा सकता। अदालत ने कहा कि डॉक्टरों पर मुकदमा चलाना तभी उचित है, जब सबूत स्पष्ट रूप से गलती साबित करें।
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चिकित्सा जगत में राहत, परिजन करेंगे अगला फैसला
कोर्ट के आदेश के बाद डॉक्टरों और अस्पताल प्रबंधन ने राहत की सांस ली है। वहीं, मृतक के परिजन इस फैसले के खिलाफ आगे की कानूनी कार्रवाई पर विचार कर रहे हैं।