छत्तीसगढ़

Bilaspur News: पारिवारिक जमीन विवाद में हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: कहा– 7 रुपए के स्टाम्प से नहीं मिल सकता पुश्तैनी संपत्ति का हक

बिलासपुर हाईकोर्ट ने पारिवारिक जमीन विवाद के एक पुराने मामले में अहम फैसला सुनाया है। अदालत ने स्पष्ट किया कि सिर्फ 7 रुपए के स्टाम्प पर लिखा दस्तावेज किसी संपत्ति पर मालिकाना हक नहीं देता, जब तक उसकी विधिवत रजिस्ट्री और स्वामित्व प्रमाणित दस्तावेज न हों।

BILASPUR NEWS. बिलासपुर हाईकोर्ट ने पारिवारिक जमीन विवाद के एक पुराने मामले में अहम फैसला सुनाया है। अदालत ने स्पष्ट किया कि सिर्फ 7 रुपए के स्टाम्प पर लिखा दस्तावेज किसी संपत्ति पर मालिकाना हक नहीं देता, जब तक उसकी विधिवत रजिस्ट्री और स्वामित्व प्रमाणित दस्तावेज न हों।
मामला कोटा क्षेत्र के पीपरटारी गांव का है। 74 वर्षीय भारती सिंह ने दावा किया था कि खसरा नंबर 825/3 की 0.56 एकड़ जमीन उनके पिता के हिस्से में आई थी, लेकिन रिकॉर्ड दर्ज करने में गलती से गांव के ही भरत सिंह के पिता के नाम चली गई।
गलती का पता चलने पर 1985 में 7 रुपए के स्टाम्प पर एक “दुसरस्ती पत्र” लिखा गया, जिसके आधार पर भरत सिंह ने स्वामित्व का दावा किया। वहीं महिला ने कहा कि उसने यह जमीन ₹5,000 में खरीदी थी।
कोर्ट ने कहा कि यदि यह खरीद-बिक्री का मामला था, तो सेल डीड और रजिस्ट्री अनिवार्य थी। केवल दुसरस्ती पत्र से स्वामित्व साबित नहीं किया जा सकता।
जस्टिस पी.पी. साहू की सिंगल बेंच ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखते हुए कहा —“7 रुपए के स्टाम्प पर लिखा कागज पुश्तैनी जमीन का मालिकाना हक नहीं देता।”
इसके साथ ही अदालत ने महिला की याचिका को खारिज कर दिया।

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