Bilaspur News:भातखंडे संगीत महाविद्यालय की हीरक जयंती, सुरों की साधना के 75 वर्ष पूर्ण, तीन दिवसीय होगा समारोह
संगीत साधना और परंपरा के 75 वर्ष पूर्ण होने पर भातखंडे संगीत महाविद्यालय, बिलासपुर में “हीरक जयंती समारोह” का आयोजन किया जा रहा है। यह समारोह 15 से 17 नवंबर 2025 तक चलेगा। देशभर के प्रसिद्ध कलाकार इस अवसर पर अपनी प्रस्तुतियों से संगीत प्रेमियों को भारतीय शास्त्रीय संगीत की मधुर दुनिया में ले जाएंगे।

BILASPUR NEWS. संगीत साधना और परंपरा के 75 वर्ष पूर्ण होने पर भातखंडे संगीत महाविद्यालय, बिलासपुर में “हीरक जयंती समारोह” का आयोजन किया जा रहा है। यह समारोह 15 से 17 नवंबर 2025 तक चलेगा। देशभर के प्रसिद्ध कलाकार इस अवसर पर अपनी प्रस्तुतियों से संगीत प्रेमियों को भारतीय शास्त्रीय संगीत की मधुर दुनिया में ले जाएंगे।
कार्यक्रम की जानकारी सोमवार को बिलासपुर प्रेस क्लब में आयोजित प्रेसवार्ता में दी गई। इस अवसर पर महाविद्यालय के संस्थापक संचालक डॉ. विपुल चक्रवर्ती, प्राचार्या ममता चक्रवर्ती और अध्यक्ष अजय श्रीवास्तव उपस्थित थे।
बसंत पंचमी पर हुई थी स्थापना
भातखंडे संगीत महाविद्यालय की स्थापना बसंत पंचमी, सन् 1950 को इंदु चक्रवर्ती और स्वर्गीय सुधांशु शेखर चक्रवर्ती ने की थी। आरंभ में परीक्षाएं लखनऊ संगीत विद्यापीठ से होती थीं। बाद में सन् 1955-56 में इसे इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़ से मान्यता प्राप्त हुई। वर्तमान में संस्थान में स्नातक, स्नातकोत्तर और डिप्लोमा पाठ्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। अब तक 5000 से अधिक विद्यार्थी यहां से शिक्षा प्राप्त कर संगीत जगत में अपनी पहचान बना चुके हैं।
संस्थान के गौरव और उपलब्धियां
भातखंडे संगीत महाविद्यालय के कई विद्यार्थी आज देश-विदेश में अपनी पहचान बना चुके हैं।
- अर्णव चटर्जी — कई छत्तीसगढ़ी फिल्मों में संगीत निर्देशन।
- आदित्य चक्रवर्ती — ‘बोल बच्चन’ सहित कई हिंदी फिल्मों में साउंड अरेंजर व संगीत निर्देशक।
महाविद्यालय को UGC की 2(f) और 12(B) मान्यता प्राप्त है। इसे तीन पंचवर्षीय योजनाओं तक उपस्कर एवं ग्रंथालय अनुदान भी मिला है।
संस्थान नियमित रूप से गुरु पूर्णिमा, विष्णु द्वय पुण्यतिथि, वसंत पंचमी (स्थापना दिवस) और विभिन्न सरकारी सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करता रहा है।
पूर्व के उल्लेखनीय आयोजन
सन् 2000 में स्वर्ण जयंती समारोह के दौरान भरथरी लोक विधा पर राष्ट्रीय संगोष्ठी,
सन् 2009 में “हरेली से होली तक” नाट्य मंचन और पाश्चात्य नृत्य पर वृहद वर्कशॉप आयोजित की गई थी।
वर्तमान सत्र 2025-26 में संस्थान में 240 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं।
भविष्य की योजनाएं
महाविद्यालय आगामी वर्षों में संगीत को आधुनिक तकनीक से जोड़ने की दिशा में कार्य करेगा। इसके अंतर्गत —
- टीवी सीरियल और विज्ञापनों के लिए संगीत निर्माण प्रशिक्षण,
- म्यूजिक अरेंजर, ऑर्केस्ट्रा कम्पोजर एवं साउंड इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम,
- रिकॉर्डिंग, डबिंग, वीडियो मिक्सिंग और साउंड एनिमेशन की सुविधाएं,
- आदर्श संगीत ऑडिटोरियम और म्यूजिक थेरेपी पर अनुसंधान की योजना शामिल है।
कार्यक्रम का विस्तृत विवरण
15 नवंबर, सायं 5:30 बजे
अथर्व भालेराव — वायलिन वादन
अनिरुद्ध देशपांडे — शास्त्रीय गायन
16 नवंबर, सायं 5:30 बजे
अत्री कोटाल — शास्त्रीय गायन
मानसी दांडेकर — कथक नृत्य
17 नवंबर, सायं 5:30 बजे
यशवंत वैष्णव — तबला वादन
आदित्य मोडक — शास्त्रीय गायन






