Bilaspur News: रेल हादसा…कांग्रेस ने GM ऑफिस का घेराव किया, परिजनों को 50-50 लाख मुआवजा देने की मांग
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में 4 नवंबर को हुए दर्दनाक रेल हादसे ने पूरे प्रदेश में आक्रोश पैदा कर दिया है। घटना के बाद शनिवार को कांग्रेस ने दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक (GM) कार्यालय का घेराव किया। बड़ी संख्या में कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ता रेल प्रशासन से जवाब मांगते हुए पहुंचे और पीड़ित परिवारों के लिए न्याय की आवाज बुलंद की।

BILASPUR NEWS. छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में 4 नवंबर को हुए दर्दनाक रेल हादसे ने पूरे प्रदेश में आक्रोश पैदा कर दिया है। घटना के बाद शनिवार को कांग्रेस ने दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक (GM) कार्यालय का घेराव किया। बड़ी संख्या में कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ता रेल प्रशासन से जवाब मांगते हुए पहुंचे और पीड़ित परिवारों के लिए न्याय की आवाज बुलंद की।
4 नवंबर की शाम करीब 4 बजे Korba–Bilaspur MEMU (पासेंजर) ट्रेन गेवरा से बिलासपुर आ रही थी। गाटोरा स्टेशन के पास ट्रेन ने जीरो लाइन पर खड़ी मालगाड़ी को पीछे से जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि आगे के कोच बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए और कई यात्री फंस गए।
प्रारंभिक जानकारी में सामने आया—
- ट्रेन लाल सिग्नल (SPAD—Signal Passed At Danger) को पार कर गई थी।
- चेतावनी के बावजूद ट्रेन की गति कम नहीं की गई।
- तेज रफ्तार होने के कारण MEMU ट्रेन सीधे खड़ी मालगाड़ी से जा टकराई।
हादसे में कई यात्रियों की मौत हुई, जबकि 20 से अधिक लोग घायल हुए। रेस्क्यू टीमें देर रात तक घटनास्थल पर राहत कार्य में जुटी रहीं।
कांग्रेस का आरोप—रेलवे लापरवाही छिपा रहा
घटना को चार दिन बीतने के बाद भी जांच रिपोर्ट जारी नहीं किए जाने पर कांग्रेस ने रेलवे प्रशासन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया। प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे कांग्रेसी नेताओं ने कहा कि रेलवे पूरे मामले को दबाने का प्रयास कर रहा है।
कांग्रेस ने अपनी तीन प्रमुख मांगें रखीं—
- मृतकों और गंभीर घायलों के परिजनों को 50-50 लाख रुपये मुआवजा दिया जाए।
- रेल हादसे की जांच रिपोर्ट तुरंत सार्वजनिक की जाए।
- जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो।
नेताओं ने साफ चेतावनी दी कि यदि रेलवे जल्द रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं करता, तो वे उग्र आंदोलन करेंगे।
GM ऑफिस के बाहर जोरदार प्रदर्शन
प्रदर्शन के दौरान GM ऑफिस के बाहर पुलिस और RPF की कड़ी सुरक्षा तैनात रही। कार्यकर्ता हाथों में बैनर, तख्तियां लेकर रेलवे प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। भीड़ अधिक होने के बावजूद कार्यक्रम शांतिपूर्ण रहा।
रेलवे की प्रतिक्रिया
रेल प्रशासन का कहना है कि उच्च स्तरीय टीम से जांच कराई जा रही है। सिग्नलिंग सिस्टम, इंजन डाटा और लोको पायलट से जुड़ी तमाम जानकारी की पड़ताल चल रही है। अधिकारियों के अनुसार रिपोर्ट जल्द तैयार हो जाएगी।
पीड़ित परिवारों की उम्मीदें अब भी अधूरी
घटना के बाद कई परिवार बेसहारा हो गए हैं। घायलों का इलाज जारी है और परिजन आर्थिक सहायता व जवाब की मांग कर रहे हैं। कांग्रेस का कहना है कि जब तक पीड़ितों को उचित मुआवजा और पारदर्शी जांच नहीं मिलती, आंदोलन जारी रहेगा।






