Bilaspur News: GGU में रहस्यमयी मौत पर बवाल, गेट पर चढ़े छात्र, पुलिस से हुई धक्का-मुक्की
गुरु घासीदास यूनिवर्सिटी (GGU) में बिहार के छात्र अर्सलान अंसारी की संदिग्ध मौत ने न सिर्फ छात्रों में गहरा आक्रोश पैदा किया, बल्कि कैंपस की सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासनिक पारदर्शिता पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सोमवार को छात्रों के उग्र विरोध ने इस बात को साफ कर दिया कि यूनिवर्सिटी में लंबे समय से उबल रही असंतुष्टि अब नियंत्रण से बाहर हो रही है।

BILASPUR NEWS. गुरु घासीदास यूनिवर्सिटी (GGU) में बिहार के छात्र अर्सलान अंसारी की संदिग्ध मौत ने न सिर्फ छात्रों में गहरा आक्रोश पैदा किया, बल्कि कैंपस की सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासनिक पारदर्शिता पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सोमवार को छात्रों के उग्र विरोध ने इस बात को साफ कर दिया कि यूनिवर्सिटी में लंबे समय से उबल रही असंतुष्टि अब नियंत्रण से बाहर हो रही है।
अर्सलान की मौत बीते दिनों हुई थी, लेकिन छात्रों का कहना है कि मृत्यु की सही वजह बताने में देरी, प्रशासन की चुप्पी और जांच में ढिलाई ने कैंपस में असुरक्षा की भावना और अविश्वास पैदा कर दिया। यही कारण रहा कि सोमवार को बड़ी संख्या में छात्र गेट पर इकट्ठा हो गए और ‘न्याय दो–जवाब दो’ के नारे लगाने लगे।
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कैंपस मैनेजमेंट और सिक्योरिटी पर भी उठे सवाल
छात्रों का कहना है कि यूनिवर्सिटी प्रबंधन गंभीर घटनाओं पर समय रहते अपडेट नहीं देता और न ही किसी प्रकार की हेल्पलाइन या सुरक्षा मॉनिटरिंग सिस्टम मज़बूत है। अर्सलान की मौत ने प्रशासन की संकट-प्रबंधन प्रणाली की खामियों को उजागर कर दिया है। एक छात्र नेता ने कहा—हम पढ़ने आए हैं, डरने नहीं। अगर किसी के साथ हादसा होता है तो जानकारी छुपाई क्यों जाती है?
हंगामा सिर्फ गुस्सा नहीं, अविश्वास का परिणाम
सोमवार को हुए बवाल को केवल विरोध प्रदर्शन के रूप में नहीं देखा जा रहा।
कई छात्र संगठनों का कहना है कि यह लंबे समय से जमा अविश्वास और व्यवस्थागत समस्याओं का परिणाम है। गेट पर चढ़ना, नारेबाजी करना, और NSUI–पुलिस की झड़प—ये सभी संकेत हैं कि यूनिवर्सिटी में संवादहीनता बहुत बढ़ चुकी है।
पुलिस और प्रशासन की कोशिशें, पर छात्रों की मांग साफ
पुलिस ने अतिरिक्त बल तैनात करके स्थिति को संभाला और छात्रों से शांति की अपील की। प्रशासन ने भी जांच तेज करने का आश्वासन दिया, मगर छात्रों का रुख स्पष्ट था—पहले जवाब, बाद में शांति। छात्रों ने कहा कि वे पारदर्शी जांच के बिना आंदोलन खत्म नहीं करेंगे।
छात्र और अभिभावक दोनों चिंतित
अर्सलान अंसारी बिहार से पढ़ाई करने आया था। उसकी मौत के बाद न सिर्फ यूपी-बिहार से आए छात्र, बल्कि स्थानीय छात्र भी खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। अभिभावकों ने भी यूनिवर्सिटी प्रबंधन पर सवाल उठाते हुए कहा—बच्चे पढ़ने जाते हैं, लेकिन उन्हें सुरक्षा कौन देगा?
अब प्रशासन पर दबाव—जांच और सुधार दोनों करने होंगे
विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना केवल एक मौत का मुद्दा नहीं, बल्कि कैंपस सुरक्षा, जानकारी की पारदर्शिता, और संकट-प्रबंधन
जैसे बड़े सवालों की ओर ध्यान खींच रही है। प्रशासन पर अब दोहरी जिम्मेदारी है—अर्सलान अंसारी की मौत की निष्पक्ष और तेज जांच, और कैंपस के भीतर विश्वास बहाली के ठोस उपाय।






