Bilaspur News:पहचान परेड में बड़ी खामी! हाईकोर्ट ने POCSO में उम्रकैद पाए आरोपी को किया बरी
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पॉक्सो (POCSO) एक्ट के गंभीर मामले में उम्रकैद की सजा का सामना कर रहे एक आरोपी को दोषमुक्त कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि पुलिस द्वारा कराई गई पहचान परेड (Test Identification Parade) नियमों के विरुद्ध थी और अभियोजन पक्ष आरोपी को अपराध से जोड़ने वाली परिस्थितियों की कड़ी साबित नहीं कर पाया।

BILASPUR NEWS. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पॉक्सो (POCSO) एक्ट के गंभीर मामले में उम्रकैद की सजा का सामना कर रहे एक आरोपी को दोषमुक्त कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि पुलिस द्वारा कराई गई पहचान परेड (Test Identification Parade) नियमों के विरुद्ध थी और अभियोजन पक्ष आरोपी को अपराध से जोड़ने वाली परिस्थितियों की कड़ी साबित नहीं कर पाया।
मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति विभु दत्त गुरु की खंडपीठ ने निचली अदालत का फैसला रद्द करते हुए टिप्पणी की कि “अपराध होने की पुष्टि तो है, लेकिन अभियोजन यह साबित नहीं कर सका कि अपराध अपीलकर्ता ने ही किया है।”
2019 में 11 वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म का आरोप
अभियोजन के अनुसार, 26 सितंबर 2019 की रात 11 साल की बच्ची को घर से सोते समय अगवा किया गया और एक “कैप्सूल-नुमा” वाहन में ले जाकर दुष्कर्म किया गया। जांच के दौरान पुलिस ने अपीलकर्ता प्रसेन कुमार भार्गव का वाहन जब्त किया और पीड़िता से पहचान परेड के माध्यम से आरोपी की पहचान कराई गई।
विशेष अदालत (FTSC POCSO), बलौदाबाजार ने 8 जुलाई 2022 को आरोपी को आईपीसी की धारा 450, 363, 506-II और POCSO की धारा 6 के तहत उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
बचाव पक्ष—पहचान परेड जांच प्रक्रिया के विपरीत
अपीलकर्ता के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि—
- पीड़िता आरोपी को पहले से नहीं जानती थी,
- लेकिन पहचान परेड से पहले ही थाने में आरोपी को पीड़िता और गवाहों को दिखा दिया गया था,
- पहचान परेड जेल में कराने के बजाय सिंचाई विभाग के रेस्ट हाउस में आयोजित की गई, जो नियमों का उल्लंघन है।
बचाव पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों का हवाला देते हुए कहा कि ऐसी पहचान विश्वसनीय नहीं मानी जा सकती।
राज्य का पक्ष—पीड़िता का बयान भरोसेमंद
राज्य ने निचली अदालत के फैसले को सही ठहराते हुए कहा—
- पीड़िता का बयान स्वाभाविक और विश्वसनीय है,
- बरामद वाहन और पहचान परेड में आरोपी की पहचान अपराध सिद्ध करने के लिए पर्याप्त है।
ये भी पढ़ें:Dharmendra Death News: एक्टर धर्मेंद्र का निधन, बॉलीवुड का ‘ही-मैन’ अब नहीं रहा
हाईकोर्ट—अपराध साबित, पर आरोपी नहीं
खंडपीठ ने कहा कि—
- मेडिकल रिपोर्ट दुष्कर्म की पुष्टि करती है,
- लेकिन यह यह नहीं बताती कि अपराध किसने किया,
- पहचान परेड की प्रक्रिया संदेहास्पद और दोषपूर्ण थी।
इन आधारों पर कोर्ट ने आरोपी प्रसेन कुमार भार्गव को सभी आरोपों से दोषमुक्त कर दिया।






