छत्तीसगढ़

Raipur news: 2 लाख से ज्यादा महिलाएँ हुआ गायब! महतारी वंदन योजना से 2,41,405 नाम हटाए गए, जानें क्यों रुके 1000 रुपए

छत्तीसगढ़ में महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए चलाई जा रही राज्य सरकार की सबसे बड़ी योजना ‘महतारी वंदन’ की 22वीं किस्त मंगलवार को जारी कर दी गई। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी में आयोजित कार्यक्रम में एक बटन दबाकर 67,71,012 हितग्राहियों के खातों में राशि ट्रांसफर की।

RAIPUR NEWS. छत्तीसगढ़ में महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए चलाई जा रही राज्य सरकार की सबसे बड़ी योजना ‘महतारी वंदन’ की 22वीं किस्त मंगलवार को जारी कर दी गई। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी में आयोजित कार्यक्रम में एक बटन दबाकर 67,71,012 हितग्राहियों के खातों में राशि ट्रांसफर की।

इस मौके पर सीएम साय ने कहा कि यह योजना माताओं और बहनों के सम्मान, सुरक्षा और आर्थिक स्वावलंबन की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। प्रतिमाह मिलने वाली 1000 रुपए की सहायता से महिलाओं को परिवार की पोषण, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी जरूरतों को पूरा करने में सहायता मिलती है। उन्होंने कहा कि लक्ष्य है—कोई भी पात्र महिला योजना से वंचित न रहे।

पहली किस्त में थे 70,12,417 लाभार्थी… अब सिर्फ 67,86,336 — 2,41,405 हितग्राही कैसे गायब?

महतारी वंदन योजना की पहली किस्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 मार्च 2024 को जारी की थी। तब 70 लाख 12 हजार 417 महिलाओं को राशि दी गई थी। वहीं, 22वीं किस्त में हितग्राही संख्या घटकर 67,86,336 रह गई है। यानी 22 महीनों में 2,41,405 महिलाएँ सूची से बाहर हो गईं। हाल ही में नियद नेल्ला नार क्षेत्र की 7,662 नई महिलाओं को जोड़ा गया, लेकिन कुल संख्या बढ़ने की बजाय घटी हुई दिखाई दे रही है।

इससे बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है—

क्या सरकार ने महतारी वंदन योजना से 2.41 लाख महिलाओं की ‘छंटनी’ कर दी है?
क्यों कटे इतने बड़े पैमाने पर नाम? यह है वजह

जांच में सामने आई महत्वपूर्ण जानकारी—

1. कई महिलाएँ शुरुआत से ही ‘अपात्र’ थीं

योजना शुरू होते ही बड़ी संख्या में ऐसे लोगों ने आवेदन कर दिया था जो अन्य सरकारी योजनाओं (जैसे वृद्धा पेंशन आदि) का लाभ ले रही थीं। नियम के मुताबिक उन्हें महतारी वंदन का लाभ नहीं मिल सकता था। छंटनी में ऐसे अपात्र नाम हटाए गए।

2. कई लाभार्थियों की मौत हो चुकी है

22 महीनों में हजारों लाभार्थियों की मृत्यु हो गई। मृत महिलाओं के बैंक खातों में राशि नहीं भेजी जा सकती, इसलिए उनके नाम स्वतः हटाए गए।

3. KYC अपडेट नहीं, खाते में पैसा फंसा

कई महिलाओं ने अभी तक बैंक KYC पूरी नहीं की, जिस कारण उनके खाते में राशि ट्रांसफर नहीं हो पाती। नियम के मुताबिक अधूरी KYC वाले लाभार्थियों को सक्रिय सूची में शामिल नहीं किया जाता।

4. डेटा मिलान में सामने आए डुप्लीकेट नाम

सरकार समय-समय पर लाभार्थियों की सूची का आधार, बैंक और जनसांख्यिकीय डेटा के साथ मिलान कर रही है। इसमें हजारों डुप्लीकेट और त्रुटिपूर्ण प्रविष्टियाँ भी मिलीं।

सरकार का कहना है कि यह प्रक्रिया इसलिए की गई है ताकि योजना का लाभ सिर्फ और सिर्फ पात्र महिलाओं को मिले और किसी भी तरह की अनियमितता न हो।

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