Bilaspur News:मौसाजी स्वीट्स में करोड़ों की कर चोरी का खुलासा
स्टेट जीएसटी विभाग की तीन दिन तक चली जांच में मौसाजी स्वीट्स और रेस्टोरेंट में बड़े पैमाने पर कर चोरी का पर्दाफाश हुआ है। टीम को मिठाई उत्पादन, बिक्री और बिलिंग में कई गंभीर अनियमितताएँ मिलीं। पकड़े जाने के बाद फर्म ने डेढ़ करोड़ रुपये टैक्स के रूप में सरेंडर कर दिए।

BILASPUR NEWS. स्टेट जीएसटी विभाग की तीन दिन तक चली जांच में मौसाजी स्वीट्स और रेस्टोरेंट में बड़े पैमाने पर कर चोरी का पर्दाफाश हुआ है। टीम को मिठाई उत्पादन, बिक्री और बिलिंग में कई गंभीर अनियमितताएँ मिलीं। पकड़े जाने के बाद फर्म ने डेढ़ करोड़ रुपये टैक्स के रूप में सरेंडर कर दिए।
जांच टीम को मंगल स्टोर में मिला एक कच्चा चालान इस पूरे मामले की शुरुआत साबित हुआ। इसके आधार पर टीम सीधे कारखाने पहुँची, जहाँ रोजाना 40 से अधिक किस्मों की लगभग 1000 किलो मिठाई का उत्पादन मिलना सबसे बड़ा खुलासा रहा। इतनी बड़ी मात्रा होने के बावजूद आधे कारोबार पर ही टैक्स जमा किया जा रहा था।
कच्चे चालानों से होती थी सप्लाई
टीम के अनुसार दुकानें कच्चे चालान से मिठाई ले जाती थीं। दुकानों के कर्मचारी मिठाई लेने के बाद ये चालान वहीं फाड़ देते थे। महीने के अंत में अलग से इनवॉइस तैयार किया जाता था, जिसमें असली उत्पादन का केवल 50% ही दर्ज किया जाता था। इसी आधार पर टैक्स जमा किया जा रहा था।
जांच में सामने आईं बड़ी गड़बड़ियाँ
1. त्योहारों पर मिठाई खरीद का रिकॉर्ड संदिग्ध
रक्षाबंधन और दिवाली पर आम दिनों के मुकाबले चार–पाँच गुना ज्यादा कारोबार होता है, लेकिन इनवॉइस में खरीद बेहद कम दर्ज की गई।
- रक्षाबंधन पर सिर्फ 17 हजार रुपये
- दिवाली पर सिर्फ 48 हजार रुपये की मिठाई खरीद दिखाई गई।
जबकि वास्तविक बिक्री लाखों में थी।
2. नकद भुगतान का हिसाब नहीं
काउंटरों पर होने वाले कुल लेनदेन में 60% राशि नकद मिलती थी, जबकि इनवॉइस में सिर्फ ऑनलाइन और UPI भुगतान का ही उल्लेख था। नकद राशि का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला।
3. दिवाली में बेचे गए गिफ्ट बॉक्स का कोई बिल नहीं
दुकानों पर दिवाली के दौरान 1500 से 2000 रुपये तक के मिठाई और ड्राईफ्रूट्स भरे गिफ्ट बॉक्स बेचे गए थे।
लेकिन—
- न बिल
- न अकाउंट बुक
- न इनवॉइस
कहीं भी विवरण उपलब्ध नहीं था।
4. समोसे–कचौरी के सामान में भी टैक्स चोरी
रेस्टोरेंट के लिए मैदा, आलू, तेल और बेसन जैसी सामग्री पर इनपुट टैक्स तो भरा गया, लेकिन इनसे बने समोसे, कचौरी और स्नैक्स के आउटपुट का हिसाब नहीं दिखाया गया। इससे स्पष्ट टैक्स चोरी सामने आई।
टीम के वाइट हाउस स्टोर पहुंचते ही हड़कंप
1 दिसंबर की सुबह मौसाजी के सभी रेस्टोरेंट में नाश्ता करने के बाद शाम 4:30 बजे टीम ने दबिश दी।
पहले दिन कुछ ही दस्तावेज मिले, दूसरे दिन सुबह से देर रात तक जांच चली और तीसरे दिन कच्चे बिल, फाड़े गए चालान और नष्ट की गई किताबों के सबूत सामने आए। टीम के वाइट हाउस शाखा पहुंचते ही कर्मचारियों में अफरा-तफरी मच गई।








