Bilaspur News: सिम्स में अव्यवस्था पर हाईकोर्ट सख्त, प्रबंधन ने दिए सुधारों के सबूत, CGMSC ने मशीनों के टेंडर बढ़ाए
सिम्स मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की अव्यवस्थाओं को लेकर हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई के बीच संस्थान में सुधारों की रफ्तार अचानक तेज हो गई है। अदालत में मंगलवार को पेश शपथपत्र में प्रबंधन ने बताया कि मरीजों की बढ़ती संख्या और पूर्व में आई शिकायतों को देखते हुए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। कोर्ट ने अब तक के प्रयासों को सकारात्मक बताते हुए कहा कि स्थायी सुधार सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मॉनिटरिंग जारी रहेगी।

BILASPUR NEWS. सिम्स मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की अव्यवस्थाओं को लेकर हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई के बीच संस्थान में सुधारों की रफ्तार अचानक तेज हो गई है। अदालत में मंगलवार को पेश शपथपत्र में प्रबंधन ने बताया कि मरीजों की बढ़ती संख्या और पूर्व में आई शिकायतों को देखते हुए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। कोर्ट ने अब तक के प्रयासों को सकारात्मक बताते हुए कहा कि स्थायी सुधार सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मॉनिटरिंग जारी रहेगी।
अस्पताल में साफ-सफाई और सुरक्षा को लेकर समस्याओं के बाद अब व्हॉट्सऐप आधारित मॉनिटरिंग सिस्टम शुरू किया गया है।
इसमें वार्डों की स्थिति की रिपोर्ट सीधे डीन और मेडिकल सुपरिंटेंडेंट तक पहुंचती है। अधिकारियों ने बताया कि रात और छुट्टियों में भी वरिष्ठ डॉक्टर नियमित राउंड ले रहे हैं, जिससे व्यवस्थाओं पर बेहतर नियंत्रण बन रहा है।
ठंड बढ़ने के साथ अस्पताल ने मरीजों को 1600 कंबल वितरित किए हैं। इसके साथ ही 96 एयर स्टेरलाइजर और HEPA फिल्टर मशीनें लगाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। मंजूरी मिलते ही मशीनें वार्डों में स्थापित कर दी जाएंगी।
CGMSC ने कोर्ट को बताया—मशीनों की खरीदी के टेंडर में 5 बिडर
CGMSC ने सूचित किया कि मेडिकल उपकरणों की खरीदी के लिए जारी टेंडर में पाँच कंपनियों ने भाग लिया है। मशीनों को पाँच श्रेणियों में बांटा गया है और हर श्रेणी में कम से कम तीन बिडर होने पर ही चयन प्रक्रिया अंतिम होगी। तकनीकी मूल्यांकन 4–5 दिनों में पूरा कर लिया जाएगा।
लैब सुधारों पर फोकस
लैब की गुणवत्ता सुधारने के लिए NABL की कार्यशाला आयोजित की गई। तकनीशियनों को सैंपल कलेक्शन, रिपोर्टिंग स्टैंडर्ड और क्वालिटी कंट्रोल पर प्रशिक्षण दिया गया।
हाईकोर्ट ने कहा—“सुधार अच्छे, लेकिन इन्हें नियमित बनाना होगा”
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की बेंच ने कहा कि प्रबंधन के प्रयास सराहनीय हैं, लेकिन यह सुनिश्चित किया जाए कि ये सुधार अस्थायी नहीं बल्कि स्थायी हों। मामले की अगली सुनवाई 17 दिसंबर को होगी।








