छत्तीसगढ़

Bilaspur News: विवाह के बाद ‘धर्म विवाद’ पहुंचा कोर्ट! पत्नी की मदद को आगे आया हाईकोर्ट, पति की अर्जी खारिज

प्रेम विवाह के बाद विवादों में पड़ी एक पत्नी को हाईकोर्ट से राहत मिली है। पत्नी का आरोप था कि शादी के बाद पति और ससुराल पक्ष ने उस पर धर्म बदलने का दबाव बनाया। उसने धर्म बदलने से इंकार किया तो पति उसे ससुराल नहीं ले गया और उसे मायके में ही छोड़ दिया। आर्थिक रूप से कमजोर पत्नी ने भरण-पोषण की मांग की थी, जिसे हाईकोर्ट ने जायज माना है।

BILASPUR NEWS. प्रेम विवाह के बाद विवादों में पड़ी एक पत्नी को हाईकोर्ट से राहत मिली है। पत्नी का आरोप था कि शादी के बाद पति और ससुराल पक्ष ने उस पर धर्म बदलने का दबाव बनाया। उसने धर्म बदलने से इंकार किया तो पति उसे ससुराल नहीं ले गया और उसे मायके में ही छोड़ दिया। आर्थिक रूप से कमजोर पत्नी ने भरण-पोषण की मांग की थी, जिसे हाईकोर्ट ने जायज माना है।

पत्नी ने कहा कि उसके पास खुद की आय नहीं है और वह गंभीर शारीरिक समस्या से जूझ रही है। उसका इलाज और दवाइयों पर हर माह 20 से 25 हजार रुपए तक खर्च होता है। ऐसे में उसके लिए अकेले गुजारा करना मुश्किल है।

वहीं पति इंजीनियर है और उसे लगभग 85 हजार रुपए मासिक वेतन मिलता है। इसके बावजूद वह पत्नी को साथ रखने या आर्थिक सहायता देने में पीछे हट रहा था। पति ने फैमिली कोर्ट द्वारा दिए गए 12 हजार रुपए प्रतिमाह भरण-पोषण के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।

हाईकोर्ट ने साफ कहा पत्नी की आय का कोई स्रोत नहीं है। पति की आय स्पष्ट है। विवाह एक जिम्मेदारी का संबंध है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने पति की अपील खारिज करते हुए फैमिली कोर्ट का आदेश बरकरार रखा। इस फैसले के बाद पत्नी को हर माह 12 हजार रुपए भरण-पोषण मिल सकेगा।

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