Raipur News: ब्लू वाटर खदान बनी मौत का कुंड, नहाने गए दो छात्र डूबे, 5 घंटे से जारी SDRF की तलाश
राजधानी रायपुर के माना इलाके की चर्चित ब्लू वाटर खदान शुक्रवार दोपहर हादसे का गवाह बन गई। नहाने के लिए उतरे दो स्कूली छात्र गहराई में डूब गए। करीब पांच घंटे बाद भी दोनों का कोई सुराग नहीं लग पाया है। SDRF की टीम देर रात तक तलाशी अभियान में जुटी रही।

RAIPUR NEWS. राजधानी रायपुर के माना इलाके की चर्चित ब्लू वाटर खदान शुक्रवार दोपहर हादसे का गवाह बन गई। नहाने के लिए उतरे दो स्कूली छात्र गहराई में डूब गए। करीब पांच घंटे बाद भी दोनों का कोई सुराग नहीं लग पाया है। SDRF की टीम देर रात तक तलाशी अभियान में जुटी रही।
दोनों लापता छात्र मृदुल बंजारी और जयेश साहू, टाटीबंध स्थित छत्तीसगढ़ पब्लिक स्कूल के छात्र हैं और स्कूल के ही हॉस्टल में रहते हैं। बताया जा रहा है कि शुक्रवार को दोनों कुछ दोस्तों के साथ बिना बताए हॉस्टल से बाहर निकले और बाइक से माना स्थित ब्लू वाटर पहुंचे।
स्थानीयों ने रोका, फिर भी नहीं माने
ग्रामीणों ने बताया कि बच्चों को खदान में उतरते देखकर उन्होंने रोकने की कोशिश की, लेकिन बच्चे नहीं माने। कुछ ही देर में पानी की गहराई में दो छात्र फंस गए। बाकी दोस्त घबराकर बाइक से मौके से भाग निकले।
स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद SDRF की टीम मौके पर पहुंची और सर्च ऑपरेशन शुरू किया। शाम ढलने तक भी बच्चों का पता नहीं चल सका।
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हॉस्टल प्रबंधन पर उठे सवाल
घटना के बाद सबसे बड़ा सवाल यही उठ रहा है कि हॉस्टल में रहने वाले छात्र स्कूल से कई किलोमीटर दूर खदान तक कैसे पहुंचे?
प्रबंधन की लापरवाही और निगरानी की कमी अब जांच के घेरे में है।
मृदुल की मां ममता बंजारी बस्तर के बड़े गुनिया पाल में हॉस्टल अधीक्षिका हैं, जबकि पिता किसान हैं। हादसे की सूचना मिलते ही परिजन रायपुर के लिए रवाना हो गए।
पुलिस जांच में जुटी
माना थाना प्रभारी ने बताया कि SDRF की टीम मौके पर लगातार खोजबीन कर रही है। परिजनों को सूचित कर दिया गया है और घटना की जांच शुरू कर दी गई है।
फिलहाल इलाके में मौन सन्नाटा पसरा है — कोई नहीं जानता कि एक लापरवाह पल ने दो परिवारों की दुनिया इस तरह बदल दी।





