छत्तीसगढ़
CGPSC भर्ती घोटाला: सचिव व परीक्षा नियंत्रक समेत पांच आरोपी CBI रिमांड पर, फर्जी तरीके से रिश्तेदारों को पद दिलाने का आरोप
छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) 2020-21 भर्ती घोटाले में बड़ा अपडेट सामने आया है। कोर्ट ने शुक्रवार को पांचों आरोपियों को तीन दिन की CBI रिमांड पर भेज दिया। गिरफ्तार आरोपियों में तत्कालीन सचिव और परीक्षा नियंत्रक भी शामिल हैं।

CGPSC EXAM SCAM RAIPUR NEWS. छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) 2020-21 भर्ती घोटाले में बड़ा अपडेट सामने आया है। कोर्ट ने शुक्रवार को पांचों आरोपियों को तीन दिन की CBI रिमांड पर भेज दिया। गिरफ्तार आरोपियों में तत्कालीन सचिव और परीक्षा नियंत्रक भी शामिल हैं।
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CBI ने जिन पांच लोगों को गिरफ्तार किया है, उनमें शामिल हैं –
जीवन किशोर ध्रुव – तत्कालीन सचिव, CGPSC
आरती वासनिक – परीक्षा नियंत्रक
सुमित ध्रुव – डिप्टी कलेक्टर (चयनित)
मिशा कोसले – डिप्टी कलेक्टर (चयनित)
दीपा आदिल – जिला आबकारी अधिकारी, रायपुर
आरोप है कि तत्कालीन अधिकारियों ने अपने बेटे, बहुओं और रिश्तेदारों को फर्जी तरीके से सरकारी पद दिलाए। सुमित ध्रुव, तत्कालीन सचिव जीवन किशोर ध्रुव का रिश्तेदार है। वहीं मिशा कोसले और दीपा आदिल, CGPSC के तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी की बहुएं हैं।
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गुरुवार को हुई थी गिरफ्तारी
सीबीआई ने गुरुवार को पूर्व परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक सहित पांचों आरोपियों को हिरासत में लिया था। इसके पहले भी दिसंबर 2024 में सीबीआई ने आरती वासनिक से पूछताछ की थी।

पहले भी कई गिरफ्तारियां
पिछले साल जुलाई में सीबीआई ने 2020-22 की भर्ती परीक्षाओं में धांधली के आरोपों की जांच शुरू की थी। इन परीक्षाओं के जरिए डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी और अन्य वरिष्ठ पदों पर चयन किया गया था।
इससे पहले भी आधा दर्जन से अधिक लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। इनमें तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी, उनके भतीजे नितेश सोनवानी और साहिल सोनवानी, तत्कालीन उप नियंत्रक परीक्षा ललित गणवीर, उद्योगपति श्रवण कुमार गोयल, उनके बेटे शशांक गोयल और बहू भूमिका कटियार शामिल हैं।
जानकारी के अनुसार, नितेश, शशांक और भूमिका को डिप्टी कलेक्टर बनाया गया था, जबकि साहिल को उप पुलिस अधीक्षक (DSP) के पद पर चयनित किया गया था।
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महादेव एप केस से भी कनेक्शन
सूत्रों के मुताबिक, सीबीआई ने महादेव एप सट्टेबाजी केस में भी तीन लोगों को हिरासत में लिया है। हालांकि, इसकी आधिकारिक पुष्टि एजेंसी की ओर से नहीं की गई है।