Raipur News: किसानों का राजधानी में जोरदार प्रदर्शन: 9 सूत्रीय मांगों को लेकर भारतीय किसान संघ ने निकाला रैली, सीएम हाउस घेराव से पहले पुलिस ने रोका
राजधानी रायपुर सोमवार को किसानों के नारों से गूंज उठा। भारतीय किसान संघ ने अपनी 9 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेशभर से जुटे हजारों किसानों के साथ बड़ा प्रदर्शन किया। संगठन के सदस्य बूढ़ातालाब के पुराने धरना स्थल पर एकत्र हुए और वहां से मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने के लिए निकल पड़े।

RAIPUR NEWS. राजधानी रायपुर सोमवार को किसानों के नारों से गूंज उठा। भारतीय किसान संघ ने अपनी 9 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेशभर से जुटे हजारों किसानों के साथ बड़ा प्रदर्शन किया। संगठन के सदस्य बूढ़ातालाब के पुराने धरना स्थल पर एकत्र हुए और वहां से मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने के लिए निकल पड़े।
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लेकिन, सप्रे शाला स्कूल के पास पुलिस की तगड़ी बैरिकेडिंग और भारी सुरक्षा बल की मौजूदगी ने किसानों को आगे बढ़ने से रोक दिया। इसके बाद किसान सड़क पर ही बैठ गए और नारेबाजी करते हुए धरने पर डटे रहे।
शिक्षा मंत्री पहुंचे मनाने, किसान नहीं हुए संतुष्ट
प्रदर्शन के दौरान प्रदेश के शिक्षा मंत्री गजेन्द्र यादव किसानों के बीच पहुंचे और कई मांगों पर सकारात्मक विचार का भरोसा दिया, लेकिन किसान अपनी मुख्य मांगों पर ठोस आश्वासन न मिलने से संतुष्ट नहीं हुए और आंदोलन जारी रखा।
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किसानों की 9 सूत्रीय प्रमुख मांगें
- घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली बिल हाफ योजना दोबारा लागू की जाए और कृषि पंपों को 24 घंटे बिजली मिले।
- पिछली सरकार की धान बोनस की चौथी किश्त दीपावली से पहले दी जाए।
- एग्रीस्टैक की विसंगतियां दूर कर धान की राशि ₹3286 प्रति क्विंटल तय की जाए, खरीदी अवधि 1 नवंबर से 15 फरवरी तक रखी जाए।
- किसानों से 40 किलो 700 ग्राम से अधिक धान न लिया जाए, समितियों में इसका बैनर लगाया जाए।
- खाद की कालाबाजारी रोकने के लिए सहकारी समितियों में पर्याप्त भंडारण किया जाए।
- सिंचाई रकबा बढ़ाया जाए, नहरों के माध्यम से अंतिम गांव तक पानी पहुंचे।
- दलहन-तिलहन की खेती पर ₹20,000 का अनुदान और रवि सीजन में इनकी खरीदी सुनिश्चित की जाए।
- गन्ना फसल को कृषक उन्नति योजना में जोड़ा जाए और गन्ने का समर्थन मूल्य ₹500 प्रति क्विंटल किया जाए।
- जैविक खेती में केंद्र द्वारा स्वीकृत अनुदान किसानों को जल्द प्रदान किया जाए।
किसान संघ ने चेतावनी दी है कि अगर मांगों पर जल्द निर्णय नहीं हुआ तो आंदोलन को और व्यापक किया जाएगा।