Jagdalpur News:हिड़मा की मौत से हिला नक्सली तंत्र! देवजी–गणपति समेत टॉप कमांडरों पर कसा शिकंजा
मोस्ट वांटेड नक्सली मांडवी हिड़मा की मौत के बाद security forces अब अगली श्रृंखला के टॉप नक्सली कमांडरों की घेराबंदी में जुट गई है। आंध्र प्रदेश पुलिस द्वारा हिड़मा, उसकी पत्नी समेत छह नक्सलियों को एक छोटे परंतु सटीक ऑपरेशन में ढेर किए जाने के बाद पूरे नक्सली नेटवर्क में खलबली मच गई है। बस्तर से लेकर दण्डकारण्य तक नक्सल कैडर में भारी असुरक्षा और भगदड़ का माहौल बन गया है।

JAGDALPUR NEWS. मोस्ट वांटेड नक्सली मांडवी हिड़मा की मौत के बाद security forces अब अगली श्रृंखला के टॉप नक्सली कमांडरों की घेराबंदी में जुट गई है। आंध्र प्रदेश पुलिस द्वारा हिड़मा, उसकी पत्नी समेत छह नक्सलियों को एक छोटे परंतु सटीक ऑपरेशन में ढेर किए जाने के बाद पूरे नक्सली नेटवर्क में खलबली मच गई है। बस्तर से लेकर दण्डकारण्य तक नक्सल कैडर में भारी असुरक्षा और भगदड़ का माहौल बन गया है।
हिड़मा छत्तीसगढ़ पुलिस का वर्षों से वांटेड था और कई बड़ी वारदातों का मास्टरमाइंड माना जाता था। उसके मारे जाने को सुरक्षा एजेंसियां नक्सल उन्मूलन अभियान में सबसे बड़ी उपलब्धि मान रही हैं। अब फोर्स की हिट-लिस्ट में करीब एक दर्जन बड़े नक्सली कमांडर शामिल हैं— जिनमें देवजी, गणपति, मिसिर बेसरा, संग्राम, रामदेर, पापाराव, गणेश उइके, बरसे, देवा, एरॉ केसा जैसे नाम प्रमुख हैं। इनके साथ करीब ढाई सौ सशस्त्र कैडर भी एजेंसियों के टारगेट पर हैं।
दक्षिण बस्तर में लगातार ऑपरेशन, 9 से अधिक नक्सली ढेर
पिछले एक सप्ताह के भीतर दक्षिण बस्तर में पुलिस ने कई कॉम्बिंग ऑपरेशन चलाए हैं, जिनमें नौ से अधिक नक्सली मारे जा चुके हैं। लगातार हो रही कार्रवाई ने माओवादी संगठनों के सामने आत्मसमर्पण या सीमाओं से भागने के अलावा कोई विकल्प नहीं छोड़ा है।
ये भी पढ़ें:Raipur News: CM विष्णुदेव साय का बड़ा ऐलान: अब 200 यूनिट तक हाफ होगा बिजली बिल
तेलंगाना बना नई सेफ ज़ोन!
तेलंगाना सरकार द्वारा शांति वार्ता और युद्धविराम के संकेत दिए जाने के बाद माओवादी बड़ी संख्या में वहीं पनाह लेने की तैयारी में हैं। इस कारण उस ओर पुलिस ऑपरेशन की रफ्तार काफी धीमी पड़ गई है। सुरक्षा एजेंसियों का अनुमान है कि बस्तर और दक्षिणी इलाकों के कई दस्ता तेलंगाना में शरण लेने की कोशिश कर रहे हैं।
उधर केंद्र सरकार ने 31 मार्च 2026 से पहले नक्सलियों से आत्मसमर्पण की एक और अपील जारी की है, जिससे अभियान को निर्णायक मोड़ देने की कोशिश की जा रही है।
“नक्सल उन्मूलन में बड़ी सफलता” — पूर्व DG आरके विज
छत्तीसगढ़ के पूर्व डीजी और नक्सल मामलों के विशेषज्ञ आरके विज ने कहा कि हिड़मा का मारा जाना नक्सल उन्मूलन अभियान की बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने यह भी माना कि इससे नक्सली संगठन कमजोर होंगे और आगे की कार्रवाई तेज होगी, हालांकि मार्च 2026 तक नक्सलवाद पूरी तरह खत्म हो जाएगा— ऐसा दावा नहीं किया जा सकता।
ये भी पढ़ें:Bilaspur News:पदोन्नति नियम उलझे, TET को लेकर सरकार की चुप्पी हाईकोर्ट तक पहुंची
बद्रना का दर्द— “हिड़मा को मैंने भर्ती कराया था…”
हिड़मा को नक्सल संगठन में भर्ती कराने वाले आत्मसमर्पित नक्सली बद्रना ने उसके मौत पर दुख जताया है। बद्रना का कहना है कि हिड़मा ने उसके साथ रहते हुए संगठन का दामन थामा था और इसी वजह से उसके इस तरह के अंत ने उसे भीतर से दुखी कर दिया है। इस बयान से नक्सली नेटवर्क की अंदरूनी जटिलताएं और भावनात्मक उलझनें भी सामने आई हैं।






