छत्तीसगढ़

Bilaspur News:राज्य सूचना आयुक्त की नियुक्ति पर हाईकोर्ट ने हटाया स्टे, 25 साल के अनुभव की शर्त को दी गई चुनौती खारिज, शासन का फैसला माना जायज

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राज्य सूचना आयुक्त के पद पर नियुक्ति प्रक्रिया को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है। इसके साथ ही नियुक्ति पर लगी रोक (स्टे) को भी समाप्त कर दिया गया है।

BILASPUR NEWS. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राज्य सूचना आयुक्त के पद पर नियुक्ति प्रक्रिया को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है। इसके साथ ही नियुक्ति पर लगी रोक (स्टे) को भी समाप्त कर दिया गया है।

जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास की सिंगल बेंच ने कहा कि सर्च कमेटी द्वारा तय 25 साल के अनुभव का मापदंड न तो मनमाना है और न ही अवैध। कोर्ट ने माना कि जब किसी पद के लिए बड़ी संख्या में आवेदन प्राप्त होते हैं, तो शॉर्टलिस्टिंग की प्रक्रिया चयन प्रणाली का अभिन्न हिस्सा होती है।

दरअसल, अनिल तिवारी, राजेंद्र कुमार पाठक और डॉ. दिनेश्वर प्रसाद सोनी ने सूचना आयुक्त की नियुक्ति को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में अलग-अलग याचिकाएं दायर की थीं। याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया था कि चयन प्रक्रिया शुरू होने के बाद अनुभव की शर्त जोड़ना “खेल के बीच में नियम बदलने जैसा” है और यह कानूनन गलत है।

याचिकाकर्ताओं का तर्क – आरटीआई एक्ट में अनुभव की सीमा तय नहीं

याचिकाकर्ताओं ने दलील दी थी कि आरटीआई एक्ट 2005 की धारा 15(5) और 15(6) में अनुभव की कोई न्यूनतम अवधि तय नहीं की गई है। इसलिए 25 वर्ष का अनुभव अनिवार्य करना अनुचित और विधिक प्रावधानों के विपरीत है।

राज्य सूचना आयुक्त पद की चयन प्रक्रिया में सर्च कमेटी ने 9 मई 2025 को निर्णय लिया था कि केवल वही उम्मीदवार इंटरव्यू के लिए योग्य होंगे, जिनके पास विधि, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, समाजसेवा, प्रबंधन, पत्रकारिता, जनसंपर्क, प्रशासन या शासन के क्षेत्र में कम से कम 25 साल का अनुभव हो। इसके अलावा उम्मीदवार की आयु 65 वर्ष से कम होना भी अनिवार्य शर्त रखी गई थी।

राज्य सरकार का पक्ष – मानदंड तय करने का पूरा अधिकार

राज्य सरकार ने अपनी ओर से दलील दी कि सर्च कमेटी का यह निर्णय आरटीआई अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार है, जिसमें सूचना आयुक्त पद के लिए “व्यापक ज्ञान और अनुभव” को आवश्यक बताया गया है।

सुनवाई के दौरान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के कई फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि सर्च कमेटी को शॉर्टलिस्टिंग और योग्यता के मानदंड तय करने का पूरा अधिकार है।

अब आगे बढ़ेगी नियुक्ति प्रक्रिया

हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद राज्य सूचना आयुक्त की नियुक्ति प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। शासन अब इस निर्णय के आधार पर अंतिम चयन की प्रक्रिया को पूरा करेगा।

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