Bilaspur News:मेकाहारा की बदहाल व्यवस्था पर सवाल, हाईकोर्ट ने कहा- मातृत्व की गरिमा से खिलवाड़
राजधानी रायपुर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल मेकाहारा में हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि मां बनने आई महिलाओं को भी बिस्तर साझा करना पड़ रहा है। 150 बेड वाले गायनेकोलॉजी वार्ड में 29 अक्टूबर को सभी बेड फुल हो गए, जिसके बाद एक ही बेड पर दो-दो प्रसूताओं को नवजातों के साथ रखा गया।

BILASPUR NEWS. राजधानी रायपुर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल मेकाहारा में हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि मां बनने आई महिलाओं को भी बिस्तर साझा करना पड़ रहा है। 150 बेड वाले गायनेकोलॉजी वार्ड में 29 अक्टूबर को सभी बेड फुल हो गए, जिसके बाद एक ही बेड पर दो-दो प्रसूताओं को नवजातों के साथ रखा गया।
हर घंटे एक डिलीवरी होने वाले इस अस्पताल में जगह की तंगी आम हो गई है। औसतन हर दिन करीब 24 प्रसव किए जा रहे हैं। बढ़ते मरीजों के बोझ और सीमित संसाधनों ने यहां की व्यवस्था की पोल खोल दी है।
हाईकोर्ट ने इस मामले को बेहद गंभीर बताते हुए कहा —एक ही बेड पर दो प्रसूताओं को रखना, महिलाओं की गरिमा, गोपनीयता और स्वच्छता का उल्लंघन है।”
अदालत ने स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (ACS) से शपथ पत्र सहित रिपोर्ट मांगी है और CG-MSC के एमडी को भी जवाब देने के निर्देश दिए हैं।
डॉक्टरों की सफाई
अधीक्षक डॉ. संतोष सोनकर का कहना है कि मेकाहारा में पूरे प्रदेश से मरीज रेफर होकर आते हैं, किसी को लौटाया नहीं जा सकता। इसी कारण वार्डों पर दबाव बढ़ा है। उन्होंने कहा कि स्थिति सुधारने के लिए अलग मातृ-शिशु अस्पताल की तैयारी की जा रही है। यह घटना सिर्फ व्यवस्था की कमी नहीं, बल्कि उस संवेदना की कमी को भी दिखाती है जो एक मां को सम्मान देने के लिए जरूरी है।
 
					 
					






 
					