छत्तीसगढ़
High Court News: सड़कों पर मवेशियों की लापरवाही से मौत और हादसे, हाईकोर्ट सख्त, प्रशासन पर उठे सवाल
हाईकोर्ट ने सड़कों पर आवारा मवेशियों की बढ़ती संख्या और उनसे हो रहे हादसों को गंभीरता से लेते हुए सरकार और प्रशासन पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है। 14 जुलाई की रात ग्राम बारीडीह के पास एक तेज रफ्तार वाहन ने सड़क पर बैठे 13 मवेशियों को कुचल दिया, जिनकी मौके पर ही मौत हो गई। इस घटना के बाद हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए एडवोकेट जनरल से पूछा कि इन घटनाओं पर रोक कैसे लगेगी।

HIGH COURT NEWS BILASPUR. हाईकोर्ट ने सड़कों पर आवारा मवेशियों की बढ़ती संख्या और उनसे हो रहे हादसों को गंभीरता से लेते हुए सरकार और प्रशासन पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है। 14 जुलाई की रात ग्राम बारीडीह के पास एक तेज रफ्तार वाहन ने सड़क पर बैठे 13 मवेशियों को कुचल दिया, जिनकी मौके पर ही मौत हो गई। इस घटना के बाद हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए एडवोकेट जनरल से पूछा कि इन घटनाओं पर रोक कैसे लगेगी।
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हाईकोर्ट ने कहा कि 2015 में भी इस मुद्दे पर आदेश दिए गए थे कि अधिकारी एयर कंडीशन कमरों से बाहर निकलकर हालात का जायजा लें, लेकिन 10 साल बाद भी स्थिति जस की तस है। कोर्ट ने यह भी पूछा कि पूर्व आदेशों का कितना पालन हुआ? और क्या मवेशियों के मालिकों के खिलाफ एफआईआर हुई या नहीं?

166 हादसे, 43 मौतें-आंकड़े चौंकाने वाले
पिछले 5 वर्षों में मवेशियों की वजह से जिले में 166 सड़क हादसे हुए, जिनमें 43 लोगों की जान गई और 68 लोग घायल हुए। मवेशियों की भी बड़ी संख्या में मौत हुई है। ऐसे हादसे हाईवे से लेकर शहर की सड़कों और गलियों तक हो रहे हैं, जिससे आमजन परेशान हैं।
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मवेशी मालिकों पर पहली बार दर्ज हुआ केस
ग्राम बारीडीह की घटना के बाद पहली बार पुलिस ने वाहन चालक के साथ-साथ मवेशी मालिकों पर भी रतनपुर थाने में केस दर्ज किया है। 13 मवेशियों की मौत और 5 के घायल होने के बाद पुलिस ने भविष्य की घटनाओं को रोकने के लिए गांव के सरपंच और कोटवार की मदद से मवेशियों को रेडियम नेकलस पहनाने की योजना बनाई है।
हाईकोर्ट ने पहले भी लगाई थी फटकार
11 जुलाई को भी कोर्ट ने सड़कों की हालत और मवेशियों के जमावड़े को लेकर सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे। कोर्ट ने कहा कि “यदि कोर्ट न देखे तो सरकार क्या करेगी?”
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ज्यादातर मवेशियों के हैं मालिक, फिर भी छोड़े जाते हैं आवारा
प्रशासन ने दावा किया कि शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में घूमने वाले ज्यादातर मवेशियों के मालिक हैं, लेकिन जान-बूझकर वे उन्हें आवारा छोड़ देते हैं। अब प्रशासन ऐसे मवेशी मालिकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी में है।