Kishtwar Cloudburst tragedy: चशोती गांव में तबाही का सैलाब, 38 की मौत, 200 से अधिक लापता, राहत अभियान जारी; मलबे में खोज रहे हैं जिंदगी के आखिरी निशान
Kishtwar Cloudburst: जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले का चशोती गांव गुरुवार दोपहर एक ऐसी प्राकृतिक आपदा का शिकार हुआ जिसने पूरे इलाके को दहशत में डाल दिया।

Kishtwar Cloudburst: जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले का चशोती गांव गुरुवार दोपहर एक ऐसी प्राकृतिक आपदा का शिकार हुआ जिसने पूरे इलाके को दहशत में डाल दिया। मचैल चंडी माता मंदिर जाने वाले मार्ग पर अचानक बादल फटने से आई बाढ़ ने गांव की शांति को मातम में बदल दिया। महज कुछ मिनटों में पानी, मलबा और पत्थरों का सैलाब घरों, वाहनों और लंगरों को अपने साथ बहा ले गया।
Cloudburst ने कैसे बदल दी तस्वीर?
लगातार हो रही बारिश के बीच दोपहर करीब 12:30 बजे चशोती के ऊपरी पहाड़ों पर अचानक बादल फटा। तेज धारा ने मिट्टी और भारी मलबा नाले में उड़ा दिया, जिससे पानी का बहाव रौद्र रूप में गांव में घुस आया। देखते ही देखते दर्जनों घर ढह गए, कई वाहन बह गए और लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे।
तबाही का आंकड़ा: मौतें, घायल और लापता
• मृतक: अब तक 38 शव बरामद
• घायल: करीब 120 लोग
• लापता: 200 से अधिक, जिनमें श्रद्धालु, सेवादार और स्थानीय लोग शामिल
• मकान: 12 घर पूरी तरह ध्वस्त, कई आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त
स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, लापता लोगों की संख्या अगर सही साबित हुई तो यह त्रासदी हाल के वर्षों की सबसे भयावह घटनाओं में से एक होगी।
लंगर और श्रद्धालुओं पर कहर
मचैल माता यात्रा मार्ग पर चशोती वाहन से पहुंचने का अंतिम पड़ाव है, जहां लंगर में दोपहर के समय सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद थे। बादल फटने की घटना ने लंगर को पूरी तरह तबाह कर दिया। रसोई, टेंट और खाना बनाने वाले सभी साधन पानी में बह गए। यहां मौजूद सेवादार, रसोइये और श्रद्धालु बाढ़ की चपेट में आ गए, जिनमें से कई का अब तक कोई पता नहीं चल सका।
राहत और बचाव अभियान: हिम्मत की मिसाल
आपदा के बाद सबसे पहले मदद के लिए आगे आए स्थानीय मोटरसाइकिल चालक, जो यात्रियों को मंदिर तक पहुंचाते थे। उन्होंने तुरंत घायलों को पास के हमोरी लंगर तक पहुंचाया, जहां मौजूद स्वास्थ्यकर्मी और स्वयंसेवकों ने प्राथमिक उपचार शुरू किया। बाद में सेना, CISF और SDRF की टीमें मौके पर पहुंचीं, लेकिन खराब मौसम और मलबे के कारण राहत कार्य में दिक्कतें आ रही हैं।
लोगों की आंखों में डर और उम्मीद
घटना के बाद से गांव में मातम का माहौल है। हर तरफ रोते-बिलखते लोग, अपनों की तलाश में भटकते परिजन और मलबे में खोजते बचावकर्मी — यह तस्वीर किसी को भी भावुक कर सकती है। फिर भी उम्मीद जिंदा है कि लापता लोगों में से कुछ को जीवित निकाला जा सके।