छात्रा की मौत से मचा हड़कंप: कोंडागांव के आदिवासी गर्ल्स हॉस्टल में 5वीं की छात्रा टाई के फंदे से लटकी मिली, परिजनों ने जांच की उठाई मांग
कोंडागांव के आदिवासी गर्ल्स हॉस्टल में 11 साल की छात्रा की मौत ने प्रशासन और समाज दोनों को झकझोर दिया है। टाई के फंदे से लटकी मिली छात्रा की लाश परिजनों के आरोप और प्रशासन की जांच को लेकर सवाल खड़े कर रही है।

Kondagaon suicide case: छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले से एक दर्दनाक खबर सामने आई है। माकड़ी ब्लॉक के कांटागांव स्थित आदिवासी कन्या छात्रावास में कक्षा पांचवीं में पढ़ने वाली 11 वर्षीय छात्रा चंपा नेताम की लाश उसके कमरे की खिड़की से टाई के फंदे पर लटकी मिली। यह घटना शनिवार, 11 अक्टूबर की बताई जा रही है। सुबह लगभग 10 बजे जब हॉस्टल की अन्य छात्राओं को भोजन के लिए बुलाया गया, तब यह बात सामने आई कि चंपा अपने कमरे से बाहर नहीं आई। हॉस्टल प्रबंधन जब उसे बुलाने गया, तो छात्रा को मृत अवस्था में पाया गया।
परिजनों के आरोप
चंपा के परिजनों का कहना है कि हॉस्टल प्रबंधन ने घटना की वास्तविक जानकारी देने में देरी की। शुरू में उन्हें बताया गया कि बच्ची बेहोश हो गई है, जबकि सच्चाई कुछ और थी। परिवार को दोपहर लगभग 12 बजे यह पता चला कि बच्ची की मृत्यु हो चुकी है। उनका आरोप है कि यदि उन्हें समय पर सच्ची जानकारी दी जाती, तो शायद बच्ची की जान बचाई जा सकती थी।
बिवला गांव के सरपंच लक्ष्मण नेताम ने भी बताया कि चंपा पूरी तरह स्वस्थ थी और कुछ ही दिन पहले हॉस्टल में भर्ती हुई थी। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने झूठी जानकारी देकर परिवार को गुमराह किया है और उन्होंने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है.
प्रशासनिक प्रतिक्रिया
घटना की जानकारी मिलते ही SDM अजय उरांव, तहसीलदार, शिक्षा विभाग के अधिकारी और पुलिस मौके पर पहुंचे। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया और बाद में परिजनों को सौंप दिया गया।
सहायक आयुक्त कृपेंद्र तिवारी ने बताया कि यह घटना स्कूल के समय के दौरान हुई है और जांच जारी है। उन्होंने कहा कि जो भी व्यक्ति दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। वहीं SDM अजय उरांव ने कहा कि प्रारंभिक जांच में छात्रा को टाई के फंदे से लटका पाया गया है, लेकिन पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही यह साफ होगा कि यह आत्महत्या है या इसके पीछे कोई और कारण छिपा है।