Bilaspur News:लाल खदान तालाब बनता जा रहा ‘डेथ स्पॉट’… चार छात्र डूबे, प्रशासन की लापरवाही फिर उजागर
बिलासपुर के तोरवा थाना क्षेत्र स्थित महमंद का लाल खदान तालाब एक बार फिर हादसे का गवाह बना। रविवार शाम नहाने पहुंचे चार छात्र—पवन, यश दुबे, उदयन और साईं—अचानक गहरे पानी में फंस गए। स्थानीय लोगों की तत्परता से दो छात्रों की जान बच गई, जबकि तीसरे छात्र का शव देर शाम बरामद हुआ। चौथे छात्र का अब तक कोई सुराग नहीं है और एसडीआरएफ टीम पूरी रात तलाशी अभियान चलाती रही।

BILASPUR NEWS. बिलासपुर के तोरवा थाना क्षेत्र स्थित महमंद का लाल खदान तालाब एक बार फिर हादसे का गवाह बना। रविवार शाम नहाने पहुंचे चार छात्र—पवन, यश दुबे, उदयन और साईं—अचानक गहरे पानी में फंस गए। स्थानीय लोगों की तत्परता से दो छात्रों की जान बच गई, जबकि तीसरे छात्र का शव देर शाम बरामद हुआ। चौथे छात्र का अब तक कोई सुराग नहीं है और एसडीआरएफ टीम पूरी रात तलाशी अभियान चलाती रही।
राहत कार्य के बीच सबसे बड़ा सवाल तालाब की सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासन की उदासीनता पर उठ रहा है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में यह तालाब कई जानें निगल चुका है, लेकिन इसके बाद भी
- कोई चेतावनी बोर्ड नहीं,
- कोई सुरक्षा घेरा या बैरिकेडिंग नहीं,
- न नहाने पर रोक,
- न निगरानी व्यवस्था।
स्थानीय लोगों ने कई बार इस तालाब को ‘असुरक्षित क्षेत्र’ घोषित करने की मांग की, लेकिन अधिकारियों के स्तर पर कोई स्थायी कदम नहीं उठाया गया। रविवार की घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि प्रशासन की लापरवाही किस तरह बच्चों और युवाओं की जान पर भारी पड़ रही है।
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हादसे के बाद इलाके में शोक का माहौल है। परिजन चौथे छात्र के सुरक्षित होने की आशा में तालाब किनारे बेचैनी से इंतजार करते दिखे। वहीं क्षेत्रवासियों की मांग है कि प्रशासन तुरंत
- तालाब के चारों ओर बैरिकेडिंग करे,
- चेतावनी बोर्ड लगाए,
- गहरे हिस्सों में पहुंच रोकने की व्यवस्था करे,
- और इस क्षेत्र को ‘खतरनाक तालाब’ घोषित करे।
प्रशासन ने अब जांच के आदेश तो दिए हैं, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर यह कदम पहले उठा लिए गए होते, तो शायद चार परिवार आज इस दर्द से न गुजरते।






