छत्तीसगढ़
Raipur News: खून से खत और मेहंदी से संदेश: 10 सूत्रीय मांगों को लेकर NHM कर्मचारियों का अनोखा विरोध
प्रदेशभर के 16 हजार एनएचएम (NHM) कर्मचारी 18 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। कर्मचारियों ने अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए लगातार अनोखे तरीके अपनाए हैं। शुक्रवार को राजनांदगांव में धरना स्थल पर एनएचएम कर्मचारियों ने अपने खून से सरकार को पत्र लिखकर नियमितीकरण सहित अन्य मांगें पूरी करने की गुहार लगाई। व

RAJNANDGAON/RAIPUR NEWS. प्रदेशभर के 16 हजार एनएचएम (NHM) कर्मचारी 18 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। कर्मचारियों ने अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए लगातार अनोखे तरीके अपनाए हैं। शुक्रवार को राजनांदगांव में धरना स्थल पर एनएचएम कर्मचारियों ने अपने खून से सरकार को पत्र लिखकर नियमितीकरण सहित अन्य मांगें पूरी करने की गुहार लगाई। वहीं महिला कर्मचारियों ने तीज से पहले हाथों में मेहंदी रचाकर मांगों को लिखा और सरकार से इन्हें स्वीकार करने की अपील की।
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हड़ताल के दौरान अब तक कर्मचारियों ने कई तरह से विरोध जताया है—कभी हवन यज्ञ, तो कभी बाइक रैली और तिरंगा यात्रा निकाली गई। पांचवें दिन खून से खत लिखने का अनोखा प्रदर्शन किया गया। महिला कर्मचारियों ने मेहंदी में ‘नियमितीकरण’, ‘स्थानांतरण नीति’ जैसी प्रमुख मांगें लिखकर सरकार को संदेश दिया।
रायपुर में डांस और अनोखा प्रदर्शन
राजधानी रायपुर में शुक्रवार को कर्मचारियों ने ‘तड़पाओगे तड़पा लो’ गाने पर डांस कर विरोध जताया। प्रदर्शनकारियों ने छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्रियों के मुखौटे पहनकर उनके सामने गुब्बारे फोड़े और नाचते हुए अपनी नाराजगी जाहिर की। सोशल मीडिया पर यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है।

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कर्मचारी संगठन का कहना है कि वे संविलियन, पब्लिक हेल्थ कैडर की स्थापना, ग्रेड पे, कार्य मूल्यांकन व्यवस्था, नियमित भर्ती, अनुकंपा नियुक्ति और स्थानांतरण नीति निर्धारण जैसी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे हैं।
स्वास्थ्य सेवाओं पर असर
इस आंदोलन में ड्रेसर, फार्मासिस्ट, नर्स और डॉक्टर भी शामिल हैं। हड़ताल के चलते राज्यभर में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। मरीजों को इलाज के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
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स्वास्थ्य मंत्री का बयान
इस बीच स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि “एनएचएम कर्मचारियों को हड़ताल नहीं करनी चाहिए। उनकी मांगों को पूरा करने के लिए केंद्र को प्रस्ताव भेजा गया है।” हालांकि कर्मचारी संगठन का कहना है कि यह मामला पूरी तरह राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है और जब तक सरकार उनकी मांगे पूरी नहीं करती, हड़ताल जारी रहेगी।