छत्तीसगढ़

Bilaspur News: हत्या के कैदी ने जहर खाकर की आत्महत्या की कोशिश, जेल प्रबंधन और पुलिस की बड़ी लापरवाही उजागर

बिलासपुर में पुलिस और जेल प्रशासन की गंभीर लापरवाही उजागर हुई है। हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा कैदी मुकेश कांत (निवासी मस्तूरी क्षेत्र) ने बुधवार सुबह जहर खाकर आत्महत्या की कोशिश की। फिलहाल उसकी हालत नाजुक बताई जा रही है और उसे सिम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

BILASPUR NEWS. बिलासपुर में पुलिस और जेल प्रशासन की गंभीर लापरवाही उजागर हुई है। हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा कैदी मुकेश कांत (निवासी मस्तूरी क्षेत्र) ने बुधवार सुबह जहर खाकर आत्महत्या की कोशिश की। फिलहाल उसकी हालत नाजुक बताई जा रही है और उसे सिम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

यह वही कैदी है जो अंबिकापुर जेल से इलाज के दौरान पुलिस को चकमा देकर फरवरी माह में फरार हो गया था। लंबे समय तक फरार रहने के बाद उसने मंगलवार को बिलासपुर कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर आत्मसमर्पण किया।

कलेक्टर को सौंपा था प्रताड़ना का पत्र

सरेंडर के दौरान मुकेश कांत ने कलेक्टर को एक लिखित शिकायत सौंपी थी, जिसमें अंबिकापुर जेल प्रबंधन पर वसूली और प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगाए गए थे। उसने अपनी जान को खतरा बताते हुए कहा था कि वह दोबारा अंबिकापुर जेल नहीं जाना चाहता।

कलेक्टर ने तत्काल सिविल लाइन पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने कैदी को थाने ले जाकर पूछताछ की और कुछ देर बाद केंद्रीय जेल बिलासपुर भेज दिया। यहां भी पूछताछ के बाद जेल अधिकारियों ने अजीब तरह का कदम उठाते हुए देर रात कैदी को फिर थाने भेज दिया।

थाने के बाहर छोड़ दिया गया, घर चला गया कैदी

सिविल लाइन थाने में भी अफसरों ने गैर जिम्मेदारी दिखाते हुए कैदी को थाने के बाहर ही छोड़ दिया। मुकेश इसके बाद अपने परिजनों के साथ घर चला गया।

बुधवार सुबह उसे सूचना मिली कि अंबिकापुर पुलिस टीम उसे गिरफ्तार करने पहुंच रही है। इसी तनाव में मुकेश ने जहर खा लिया। उसकी बिगड़ती हालत देख परिजन तुरंत उसे सिम्स अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां फिलहाल उसका इलाज चल रहा है।

परिजनों ने लगाया गंभीर आरोप

कैदी के परिजनों ने पुलिस और जेल प्रशासन दोनों पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि मुकेश ने सरेंडर करके कानून का पालन किया, लेकिन अधिकारियों की गैर जिम्मेदारी ने उसे आत्महत्या जैसे कदम के लिए मजबूर कर दिया। परिवार की मांग है कि मुकेश को अंबिकापुर की बजाय बिलासपुर जेल में रखा जाए।

पुलिस ने मानी चूक, जांच के आदेश

SSP बिलासपुर ने घटना को गंभीर माना है। उन्होंने कहा कि पूरे मामले की जांच की जाएगी और संबंधित थाना अधिकारियों से स्पष्टीकरण लिया जाएगा। साथ ही, कैदी के सरेंडर की जानकारी अंबिकापुर पुलिस को भेज दी गई है। अंबिकापुर पुलिस अब बिलासपुर पहुंच चुकी है और कैदी की हालत स्थिर होते ही उसे वहां ले जाया जाएगा।

लापरवाही की कहानी…
  • सरेंडर करने के बाद भी पुलिस ने कैदी की कस्टडी नहीं ली
  • जेल प्रबंधन ने पूछताछ के बाद कैदी को थाने लौटाया
  • थाने ने उसे बाहर छोड़ दिया, घर चला गया कैदी
  • अगली सुबह गिरफ्तारी के डर से खा लिया जहर

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