Bilaspur News: छठ घाट पर तैयारियां तेज: मेयर पूजा विधानी ने दिया निर्देश—समय सीमा में पूरा हो हर काम
दीपावली के बाद छठ महापर्व का उल्लास पूरे प्रदेश में दिखेगा, और इसी कड़ी में बिलासपुर का प्रसिद्ध तोरवा छठ घाट इस बार भी केंद्र में रहेगा। दावा किया जाता है कि यह विश्व का सबसे बड़ा स्थायी छठ घाट है, जहां हर वर्ष लाखों श्रद्धालु सूर्य उपासना के इस पर्व में हिस्सा लेते हैं।

BILASPUR NEWS. दीपावली के बाद छठ महापर्व का उल्लास पूरे प्रदेश में दिखेगा, और इसी कड़ी में बिलासपुर का प्रसिद्ध तोरवा छठ घाट इस बार भी केंद्र में रहेगा। दावा किया जाता है कि यह विश्व का सबसे बड़ा स्थायी छठ घाट है, जहां हर वर्ष लाखों श्रद्धालु सूर्य उपासना के इस पर्व में हिस्सा लेते हैं।
इस वर्ष 25 से 28 अक्टूबर तक होने वाले छठ महापर्व के लिए तैयारियां युद्धस्तर पर जारी हैं। घाट की साफ-सफाई, गाद निकालने से लेकर पार्किंग और विद्युत व्यवस्था तक, हर मोर्चे पर बिलासपुर नगर निगम सक्रिय है।
शनिवार सुबह महापौर पूजा विधानी स्वयं निरीक्षण के लिए तोरवा छठ घाट पहुंचीं। उन्होंने सफाई व्यवस्था, प्रकाश और सुरक्षा के इंतजामों का जायजा लिया और संबंधित अधिकारियों को “निर्धारित समय सीमा में सभी कार्य पूर्ण करने” के निर्देश दिए।
निरीक्षण के दौरान उन्होंने कहा— “छठ महापर्व पवित्रता का प्रतीक है, इसलिए घाट की स्वच्छता और शुद्धता सर्वोपरि है। अगर वर्षभर यह पवित्रता बनी रहे तो अरपा नदी को प्रदूषण से बचाया जा सकता है।”
मेयर ने प्लास्टिक और डिस्पोजल सामग्री के नदी में डाले जाने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि भविष्य में ऐसे पदार्थों को नदी में जाने से रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।
छठ पूजा समिति के पदाधिकारियों ने सुझाव दिया कि नदी में प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए घाट के अंतिम छोर पर स्थायी रैंप बनाया जाए, ताकि घाट के अन्य हिस्से स्वच्छ बने रहें। इस प्रस्ताव पर मेयर विधानी ने सहमति जताई और कहा कि इसे एमआईसी बैठक में रखकर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि नगर निगम की ओर से छठ पर्व की तैयारियों में हर संभव मदद दी जाएगी, ताकि श्रद्धालुओं को किसी तरह की असुविधा न हो।
निरीक्षण के दौरान मेयर के साथ एमआईसी सदस्य श्याम साहू, समिति के सदस्य डॉ. धर्मेंद्र कुमार दास, सुधीर झा, अभय नारायण राय, आरपी सिंह, रौशन सिंह, एके कंठ, धनंजय झा, पंकज सिंह, जेपी सिंह, हरिशंकर कुशवाहा, रविंद्र सिंह, परमेन्द्र सिंह, ललितेश सिंह आदि उपस्थित रहे।