Raighar News:स्वच्छता रेटिंग सुधारने की जंग: रायगढ़ निगम का कैमरा एक्शन, तीन दिन में 1 लाख जुर्माना—लेकिन सवाल व्यवस्था पर भी
रायगढ़ नगर निगम ने शहर की लगातार गिरती स्वच्छता रैंकिंग को सुधारने के लिए अब कड़ाई का रास्ता अपना लिया है। सड़क पर कचरा फेंकने वालों पर अब सीधे कैमरों की नज़र रहेगी और नियम तोड़ते ही 5,000 से 10,000 रुपए तक का जुर्माना लगाया जाएगा। निगम का दावा है कि तीन दिनों के भीतर करीब डेढ़ दर्जन प्रतिष्ठानों पर कार्रवाई करते हुए एक लाख रुपए से अधिक का जुर्माना वसूला जा चुका है।

RAIGHAR NEWS. रायगढ़ नगर निगम ने शहर की लगातार गिरती स्वच्छता रैंकिंग को सुधारने के लिए अब कड़ाई का रास्ता अपना लिया है। सड़क पर कचरा फेंकने वालों पर अब सीधे कैमरों की नज़र रहेगी और नियम तोड़ते ही 5,000 से 10,000 रुपए तक का जुर्माना लगाया जाएगा। निगम का दावा है कि तीन दिनों के भीतर करीब डेढ़ दर्जन प्रतिष्ठानों पर कार्रवाई करते हुए एक लाख रुपए से अधिक का जुर्माना वसूला जा चुका है। हालांकि इस पूरी सख्ती के बीच असली सवाल निगम की सफाई व्यवस्था पर उठ रहे हैं, जिसको लेकर स्थानीय लोग और विपक्ष दोनों ही नाराज दिख रहे हैं।
नगर निगम की कड़ाई—‘अब सड़क पर कचरा फेंका तो सीधे सबूत के साथ चालान’
स्वच्छता सर्वेक्षण में लगातार तीन साल कम अंक मिलने के बाद निगम ने सभी मुख्य चौक-चौराहों और व्यस्त इलाकों में सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं। ये कैमरे अब पूरे शहर में कचरा फेंकने वालों पर नजर रखने का प्रमुख हथियार बन गए हैं।
निगम मुख्यालय में अलग से कंट्रोल रूम बनाया गया है, जहां सुबह-शाम मॉनिटरिंग की जा रही है। सीसीटीवी फुटेज से पहचान कर लोगों व दुकानदारों पर जुर्माना लगाया जा रहा है।
लेकिन जनता और विपक्ष का सवाल—“जब डस्टबिन ही नहीं, तो कचरा फेंकें कहाँ?”
निगम की इस कार्रवाई ने शहर के एक बड़े वर्ग को नाराज़ कर दिया है।
विपक्ष और स्थानीय लोगों का कहना है—
- डस्टबिन कई जगहों से हटवा दिए गए
- डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन समय पर नहीं आता
- कई वार्डों में रोजाना कचरे का उठाव नहीं हो रहा
- सफाई व्यवस्था में सुधार से पहले ही जुर्माना थोप दिया गया
विपक्ष का आरोप है कि “व्यवस्था सुधारे बिना जुर्माना लगाना अफ़सरशाही है।”
निगम की सफाई—“समझाइश दी… पर लोग मान नहीं रहे”
कमिश्नर का कहना है कि शहर में जागरूकता अभियान लगातार चल रहा है, फिर भी लोग सार्वजनिक जगहों पर कचरा फेंकते हैं। खासकर मार्केट क्षेत्रों में शिकायतें बढ़ी हैं। ऐसे में सीसीटीवी फुटेज के आधार पर कार्रवाई की जा रही है।
असली मुद्दा—सफाई व्यवस्था बनाम जुर्माना नीति
निगम का तर्क है कि स्वच्छता रैंकिंग सुधारना जरूरी है, लेकिन लोगों का कहना है कि बेहतर विकल्प दिए बिना सख्ती करना उचित नहीं। कुल मिलाकर रायगढ़ में यह मामला अब सिर्फ जुर्माने का नहीं बल्कि सिस्टम बनाम जनता की बहस का केंद्र बन गया है।






