Raipur News: पूर्व CM की उपसचिव रहीं सौम्या चौरसिया की बेनामी साम्राज्य पर फिर गिरा शिकंजा: 1873% ज्यादा कमाई का खुलासा
छत्तीसगढ़ की निलंबित उपसचिव सौम्या चौरसिया एक बार फिर सुर्खियों में हैं। आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में एक और बड़ा चालान कोर्ट में पेश किया है। लगभग 10 हजार पन्नों के इस चालान में सौम्या चौरसिया की वैध आय से 1873 प्रतिशत अधिक निवेश का खुलासा हुआ है, जिसने अफसरशाही में हड़कंप मचा दिया है।

RAIPUR NEWS. छत्तीसगढ़ की निलंबित उपसचिव सौम्या चौरसिया एक बार फिर सुर्खियों में हैं। आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में एक और बड़ा चालान कोर्ट में पेश किया है। लगभग 10 हजार पन्नों के इस चालान में सौम्या चौरसिया की वैध आय से 1873 प्रतिशत अधिक निवेश का खुलासा हुआ है, जिसने अफसरशाही में हड़कंप मचा दिया है।
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EOW की जांच में सामने आया कि सौम्या ने अपने परिवार और परिचितों के नाम पर 45 बेनामी संपत्तियों में भारी-भरकम निवेश किया। इन संपत्तियों की अनुमानित कीमत लगभग 50 करोड़ रुपये बताई जा रही है। यह बेनामी संपत्तियां राज्य के अलग-अलग हिस्सों में फैली हैं।
बताया जा रहा है कि सौम्या चौरसिया ने कोयला, डीएमएफ और अन्य योजनाओं से जुड़ी अनियमितताओं के दौरान यह अवैध संपत्ति अर्जित की। जांच में सामने आया कि उन्होंने अपने पूरे सेवा काल में 49 करोड़ 69 लाख 48 हजार रुपये की अवैध कमाई की, जबकि उनके परिवार की कुल वैध आय मात्र 2 करोड़ 51 लाख 89 हजार रुपये पाई गई।
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EOW ने इस मामले में वर्ष 2024 में एफआईआर नंबर 22/2024 दर्ज की थी, जिसके तहत अब यह दूसरी बड़ी कार्रवाई है। खास बात यह है कि सबसे ज्यादा निवेश 2019 से 2022 के बीच यानी उनके उपसचिव रहते हुए किया गया।
सूत्रों के अनुसार, कोर्ट में पेश किए गए इस चालान के बाद जब सौम्या चौरसिया को नोटिस भेजा गया, तब भी वे पेश नहीं हुईं। इस पर कोर्ट ने आपत्ति दर्ज करते हुए 10 नवंबर को अगली सुनवाई की तारीख तय की है।
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राज्य प्रशासनिक सेवा 2008 बैच की अधिकारी सौम्या चौरसिया ने अपने करियर की शुरुआत बिलासपुर में डिप्टी कलेक्टर के रूप में की थी। 2019 में वे तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपसचिव बनीं और यहीं से उनके खिलाफ कई जांचों की परतें खुलनी शुरू हुईं।
अब EOW के इस नए चालान ने एक बार फिर ब्यूरोक्रेसी में भ्रष्टाचार और बेनामी संपत्तियों के नेटवर्क पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।