Bilaspur News: झोलाछाप की सुई बनी मौत का कारण, 8 साल के मासूम की छीन ली जिंदगी
इलाज की तलाश में निकले परिजन यह नहीं जानते थे कि उनका बेटा अब कभी घर नहीं लौटेगा। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में एक झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही ने 8 साल के बच्चे की जान ले ली। बिना जांच किए लगाया गया इंजेक्शन मासूम के लिए जानलेवा साबित हुआ।

BILASPUR NEWS. इलाज की तलाश में निकले परिजन यह नहीं जानते थे कि उनका बेटा अब कभी घर नहीं लौटेगा। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में एक झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही ने 8 साल के बच्चे की जान ले ली। बिना जांच किए लगाया गया इंजेक्शन मासूम के लिए जानलेवा साबित हुआ।
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घटना सरगांव थाना क्षेत्र के धरंदई गांव की है। जानकारी के अनुसार, रविंद्र यादव का 8 वर्षीय बेटा कुछ दिनों पहले अपनी नानी के घर मनेन्द्रगढ़ गया था। वहां उसे सर्दी-बुखार की शिकायत हुई। परिवार को लगा सामान्य बीमारी है, इसलिए गांव के एक झोलाछाप डॉक्टर के पास ले गए।
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डॉक्टर ने न तो बीमारी की जांच की, न स्थिति समझी—बस इंजेक्शन लगा दिया। कुछ ही देर में बच्चे की सांसें तेज चलने लगीं, चेहरा पीला पड़ गया। घबराए परिजन जब तक कुछ समझ पाते, हालत और बिगड़ चुकी थी।
डॉक्टर ने शुरुआत में गंभीरता नहीं दिखाई और उन्हें देर तक वहीं रोके रखा। आखिर जब हालत नाजुक हो गई, तब बच्चे को सिम्स अस्पताल बिलासपुर रेफर किया गया। लेकिन रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया।
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गांव में मातम, परिजनों का फूटा गुस्सा
बच्चे की मौत के बाद गांव में मातम का माहौल है। परिजनों का आरोप है कि झोलाछाप डॉक्टर ने “इलाज के नाम पर खिलवाड़” किया। सूचना मिलते ही सरगांव पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा और जांच शुरू की।