Gariyaband News:अंधविश्वास की भेंट चढ़े तीन मासूम, गरियाबंद में एक ही परिवार के तीन बच्चे खत्म
छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में अंधविश्वास ने तीन मासूमों की जान ले ली। मैदनपुर ब्लॉक के धनौरा गांव में एक ही परिवार के तीन सगे भाई-बहनों की तीन दिनों के भीतर मौत हो गई। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि तेज बुखार से पीड़ित बच्चों को अस्पताल ले जाने के बजाय झाड़-फूंक और झोलाछाप इलाज में उलझे रहने के कारण समय पर इलाज नहीं मिल पाया, जिससे एक-एक कर तीनों की मौत हो गई।

GARIYABAND NEWS. छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में अंधविश्वास ने तीन मासूमों की जान ले ली। मैदनपुर ब्लॉक के धनौरा गांव में एक ही परिवार के तीन सगे भाई-बहनों की तीन दिनों के भीतर मौत हो गई। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि तेज बुखार से पीड़ित बच्चों को अस्पताल ले जाने के बजाय झाड़-फूंक और झोलाछाप इलाज में उलझे रहने के कारण समय पर इलाज नहीं मिल पाया, जिससे एक-एक कर तीनों की मौत हो गई।
क्या है पूरा मामला?
धमरूधर नागेश मजदूरी के लिए परिवार सहित ससुराल साहिबीन कछार गया था। वहीं उसके दो बेटे और एक बेटी को तेज बुखार हो गया। परिवार बच्चों को लेकर झोलाछाप डॉक्टर के पास पहुंचा, लेकिन वहां भी बुखार में कोई सुधार नहीं हुआ। इसके बाद वे बच्चे को लेकर अपने गांव धनौरा लौट आए।
गांव आने के बाद भी परिजन बच्चों को अस्पताल न ले जाकर बैगा-गुनिया के पास झाड़-फूंक में लग गए। इसी बीच बच्चों की तबीयत लगातार बिगड़ती रही।
11 नवंबर – 8 साल की बेटी की मौत
सबसे पहले 8 साल की बेटी अनिता नागेश की हालत खराब हुई। जब उसे अमलीपदर अस्पताल ले जाया गया, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
13 नवंबर – दो बेटों ने भी तोड़ा दम
11 तारीख के बाद भी परिवार अस्पताल की बजाय झाड़-फूंक में लगा रहा। 13 नवंबर की सुबह, 7 साल के बेटे ऐकराम नागेश को देवभोग ले जाया जा रहा था, लेकिन रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया। उसी शाम 4 साल के गौरक्ष्वर नागेश की भी जंगल में बैगा के यहां झाड़-फूंक के दौरान मौत हो गई।






