छत्तीसगढ़

Video: Bilaspur Train Accident update, छत्तीसगढ़ में दो ट्रेनों की टक्कर, 5 यात्रियों की मौत, कई घायल, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में लालखदान स्टेशन के पास पैसेंजर ट्रेन और मालगाड़ी की टक्कर में 5 लोगों की मौत और दर्जनों घायल। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने रेस्क्यू ऑपरेशन की निगरानी के निर्देश दिए। रेलवे ने जांच शुरू की।

Bilaspur, Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में मंगलवार शाम एक बड़ा रेल हादसा हो गया। यात्रियों से भरी एक पैसेंजर ट्रेन की मालगाड़ी से आमने-सामने टक्कर हो गई। यह भीषण दुर्घटना बिलासपुर के लालखदान स्टेशन के पास हुई, जहां टक्कर के बाद पैसेंजर ट्रेन के तीन डिब्बे पटरी से उतर गए। इस हादसे में अब तक 5 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि एक दर्जन से अधिक यात्री घायल बताए जा रहे हैं। घायलों में कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है।

 

 

जैसे ही दुर्घटना की खबर फैली, घटनास्थल पर चीख-पुकार मच गई। आसपास के लोगों ने तत्काल राहत और बचाव कार्य शुरू किया। कुछ ही देर में रेलवे, जिला प्रशासन, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीमें मौके पर पहुंच गईं और रेस्क्यू अभियान शुरू कर दिया गया। ट्रेन के डिब्बों में फंसे यात्रियों को निकालने के लिए गैस कटर की मदद ली जा रही है।

हादसे की पूरी जानकारी

प्राप्त जानकारी के अनुसार, कोरबा से बिलासपुर जा रही पैसेंजर ट्रेन बिलासपुर-कटनी रेल सेक्शन में आगे चल रही मालगाड़ी से जा टकराई। यह टक्कर इतनी जोरदार थी कि पैसेंजर ट्रेन के तीन डिब्बे बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए और कुछ डिब्बे पटरी से उतर गए। हादसे के तुरंत बाद ट्रेन में सवार यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई। कई लोग ट्रेन के अंदर फंस गए, जिन्हें निकालने के लिए रेस्क्यू टीम को काफी मशक्कत करनी पड़ी।

रेलवे प्रशासन ने हादसे के बाद तुरंत ही आपात हेल्पलाइन नंबर जारी किए ताकि यात्री और उनके परिजन जानकारी प्राप्त कर सकें।

हेल्पलाइन नंबर:
कोरबा: 7869953330
बिलासपुर: 7777857335, 7869953330
चांपा: 8085956528
रायगढ़: 9752485600
पेंड्रा रोड: 8294730162

प्रशासन की तत्परता और मुख्यमंत्री का निर्देश
बिलासपुर के कलेक्टर संजय अग्रवाल ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि अब तक पांच शव बरामद किए जा चुके हैं और घायलों को तत्काल अस्पताल भेजा गया है। उन्होंने कहा कि बचाव अभियान अभी भी जारी है, और ट्रेन के अंदर फंसे यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकालने की कोशिश की जा रही है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस हादसे पर गहरा दुख जताया है और दूरभाष पर बिलासपुर कलेक्टर से स्थिति की विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिए कि घायलों को सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधा दी जाए और मृतकों के परिजनों को आवश्यक सहायता प्रदान की जाए। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार पूरी गंभीरता के साथ राहत और बचाव कार्य की निगरानी कर रही है।

उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ‘X’ पर लिखा —
“रेलवे प्रशासन और जिला प्रशासन की टीमें मौके पर मौजूद हैं और राहत-बचाव कार्य पूरी तत्परता से चल रहे हैं। घायलों के इलाज के लिए सभी आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं सुनिश्चित की जा रही हैं। राज्य सरकार हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।” मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की।

हादसे के कारण और प्रारंभिक जांच
हादसे के कारणों की जांच के लिए रेलवे ने एक विशेष टीम गठित की है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, सिग्नलिंग सिस्टम में तकनीकी खराबी या मानवीय भूल इस हादसे का कारण हो सकती है। टक्कर इतनी भीषण थी कि मालगाड़ी के कई डिब्बे भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। रेल ट्रैक को भारी नुकसान पहुंचा है और उस मार्ग पर ट्रेनों की आवाजाही फिलहाल रोक दी गई है।

रेलवे इंजीनियरों की टीम ट्रैक को बहाल करने और क्षतिग्रस्त डिब्बों को हटाने में जुटी हुई है। घायलों को बिलासपुर के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जहां उनके उपचार के लिए अतिरिक्त डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ को तैनात किया गया है।

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया भयावह मंजर

मौके पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, टक्कर के बाद जोरदार धमाका हुआ और कुछ ही क्षणों में ट्रेन के डिब्बे झटके से पलट गए। अंदर बैठे यात्री एक-दूसरे के ऊपर गिर पड़े। कई यात्रियों ने बताया कि धुआं और चीख-पुकार से पूरा माहौल दहशत में बदल गया। स्थानीय लोगों ने मौके पर पहुंचकर दरवाजे तोड़कर यात्रियों को बाहर निकाला और घायलों को अस्पताल पहुंचाने में मदद की।

वर्तमान स्थिति

फिलहाल घटनास्थल पर राहत और बचाव कार्य जारी है। रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर कैंप किए हुए हैं और सिग्नल सिस्टम की मरम्मत का कार्य भी शुरू कर दिया गया है। ट्रेनों की आवाजाही को वैकल्पिक मार्ग से संचालित किया जा रहा है।
सरकार ने घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं और पीड़ित परिवारों के लिए मुआवजे पर विचार चल रहा है।

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