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Packaged water expiry date: पैकेज्ड वाटर पर एक्सपायरी डेट क्यों होती है? जानिए कब बोतलबंद पानी पीना हो सकता है खतरनाक।

क्या पानी भी एक्सपायर होता है? जानिए क्यों पैकेज्ड वाटर पर एक्सपायरी डेट लिखी जाती है, प्लास्टिक बोतलों से पानी में कौन-से हानिकारक तत्व घुलते हैं और बोतलबंद पानी कब पीना खतरनाक बन सकता है।

Packaged water expiry date: क्या आपने कभी सोचा है कि क्या पानी की भी कोई एक्सपायरी डेट होती है? सुनने में यह सवाल अजीब लगता है क्योंकि पानी एक प्राकृतिक तत्व है, जो सामान्य परिस्थितियों में खराब नहीं होता। लेकिन असलियत यह है कि पानी अपने आप नहीं, बल्कि जिस बर्तन या बोतल में रखा जाता है, उसके कारण असुरक्षित हो सकता है। विशेष रूप से जब पानी को प्लास्टिक की बोतल में लंबे समय तक रखा जाए, तब उसमें कुछ ऐसे रासायनिक बदलाव होने लगते हैं जो हमारी सेहत के लिए हानिकारक हो सकते हैं।

बाजार में मिलने वाली ज्यादातर बोतलबंद पानी की बोतलों पर एक्सपायरी डेट छपी होती है। यह आमतौर पर बॉटलिंग की तारीख से दो साल बाद की होती है।अब सवाल यह उठता है कि जब पानी खराब नहीं होता, तो फिर यह तारीख क्यों दी जाती है? इसका कारण है बोतल में इस्तेमाल किया गया प्लास्टिक। समय के साथ प्लास्टिक की गुणवत्ता घटने लगती है और उसमें मौजूद रासायनिक तत्व धीरे-धीरे पानी में घुलने लगते हैं। इन तत्वों में बिस्फेनोल-ए (BPA) और एंटिमनी जैसे रसायन शामिल होते हैं, जो शरीर के हार्मोनल संतुलन को प्रभावित कर सकते हैं। अगर ऐसी बोतलें धूप या गर्म जगहों पर रखी जाएं, तो यह प्रक्रिया और तेज हो जाती है। लंबे समय तक ऐसे दूषित पानी का सेवन शरीर की इम्यूनिटी, पाचन तंत्र और समग्र स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

कई लोग एक ही प्लास्टिक बोतल को बार-बार भरकर इस्तेमाल करते हैं, लेकिन यह आदत सेहत के लिए बेहद खतरनाक हो सकती है। जब कोई बोतल एक बार खुल जाती है, तो उसमें बाहरी हवा और मुंह के कीटाणु आसानी से पहुंच जाते हैं। इससे बोतल के अंदर बैक्टीरिया और फफूंदी पनपने लगती है। कुछ ही दिनों में बोतल की अंदरूनी दीवारों पर बायोफिल्म नाम की एक पतली परत बन जाती है, जिसमें सूक्ष्म जीवाणु मौजूद रहते हैं। यह परत अक्सर दिखाई नहीं देती, लेकिन इसके कारण पानी का स्वाद और गंध बदल जाती है। ऐसा पानी पीने से पेट दर्द, उल्टी, दस्त और संक्रमण जैसी समस्याएं हो सकती हैं। कई बार पुरानी बोतलों से आने वाली हल्की बदबू इसी संक्रमण का संकेत होती है।

अगर आप चाहते हैं कि आपका पीने का पानी हमेशा सुरक्षित रहे, तो आपको कुछ बुनियादी बातों का ध्यान रखना जरूरी है। सबसे पहले, हर दिन अपनी पानी की बोतल को गर्म पानी और हल्के साबुन से धोना चाहिए। हफ्ते में एक बार बोतल को सिरका या बेकिंग सोडा से साफ करना बेहतर होता है, ताकि उसमें पनप रहे बैक्टीरिया पूरी तरह नष्ट हो जाएं। प्लास्टिक बोतलों के बजाय स्टील या कांच की बोतलें इस्तेमाल करना अधिक सुरक्षित विकल्प है, क्योंकि इनमें रासायनिक तत्व नहीं घुलते और बैक्टीरिया भी कम पनपते हैं। इसके अलावा, बोतलों को धूप या गर्म जगहों पर कभी न रखें, खासकर कार में लंबे समय तक रखना बहुत खतरनाक हो सकता है क्योंकि गर्मी प्लास्टिक को पिघलाकर उसके तत्वों को पानी में घुला देती है। अगर कभी पानी का स्वाद, गंध या रंग अजीब लगे, तो बिना हिचक उसे फेंक दें।

पानी अपने आप में कभी खराब नहीं होता, लेकिन उसका स्टोरेज तरीका और कंटेनर यह तय करता है कि वह कितना सुरक्षित रहेगा। अगर आप अपनी बोतल की नियमित सफाई करते हैं, उसमें ताजा पानी भरते हैं और पुराना पानी लंबे समय तक नहीं रखते, तो आप निश्चिंत होकर सुरक्षित और स्वच्छ पानी पी सकते हैं। याद रखें, पानी जीवन का आधार है, इसलिए इसे सही तरीके से स्टोर और उपयोग करना ही आपके स्वास्थ्य की असली कुंजी है।

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