Bilaspur News:श्रमिकों की सेहत खतरे में! हाईकोर्ट ने उठाया बड़ा कदम, औद्योगिक प्रदूषण पर राज्य से जवाब-तलब
प्रदेश में औद्योगिक क्षेत्रों में काम करने वाले श्रमिकों की सेहत तेजी से बिगड़ रही है—और हाईकोर्ट ने इसे अब केवल प्रदूषण का मामला नहीं, बल्कि मजदूरों के जीवन के अधिकार से जुड़ा मुद्दा मानते हुए बड़ा कदम उठाया है। अदालत ने राज्य सरकार और उद्योगों से पूछा है कि आखिर श्रमिकों को सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराने में इतनी भारी लापरवाही क्यों हो रही है।

BILASPUR NEWS. प्रदेश में औद्योगिक क्षेत्रों में काम करने वाले श्रमिकों की सेहत तेजी से बिगड़ रही है—और हाईकोर्ट ने इसे अब केवल प्रदूषण का मामला नहीं, बल्कि मजदूरों के जीवन के अधिकार से जुड़ा मुद्दा मानते हुए बड़ा कदम उठाया है। अदालत ने राज्य सरकार और उद्योगों से पूछा है कि आखिर श्रमिकों को सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराने में इतनी भारी लापरवाही क्यों हो रही है।
मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि कई उद्योग प्रदूषण नियंत्रण मानकों का पालन नहीं कर रहे हैं। इसी वजह से डिवीजन बेंच ने 37 अनुपस्थित उद्योगों को भी जवाब देने के लिए नोटिस जारी करने का निर्देश दिया। हाईकोर्ट ने कहा कि जब तक हर औद्योगिक इकाई जवाबदेह नहीं होगी, श्रमिकों का स्वास्थ्य सुरक्षित नहीं हो सकता।
मजदूरों की जान के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं—कोर्ट
न्यायालय आयुक्तों की रिपोर्ट में कई गंभीर कमियां उजागर हुई थीं—धूल, धुआं, रासायनिक उत्सर्जन और मशीनों के पास सुरक्षा मानकों का उल्लंघन।
बेंच ने स्पष्ट कहा कि:
- श्रमिकों को सुरक्षित माहौल देना उद्योगों का कानूनी और नैतिक दायित्व है।
- कई उद्योग न्यायालय आयुक्तों को भी पूरा सहयोग नहीं दे रहे हैं, जो चिंता की बात है।
- राज्य सरकार को भी स्पष्ट नीति और मजबूत निगरानी तंत्र की जरूरत है।
कोर्ट ने उम्मीद जताई कि राज्य और सभी औद्योगिक इकाइयां मिलकर प्रदूषण कम करने और श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाएंगी।
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गली सुनवाई 15 दिसंबर 2025 को
सभी पक्षों को जवाब तैयार करने का निर्देश देते हुए मामला 15 दिसंबर के लिए नियत किया गया है।






