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Bilaspur Chhath Puja 2025: देश का सबसे बड़ा स्थायी छठघाट, 60 हजार से अधिक श्रद्धालु देंगे सूर्य को अर्घ्य |बिलासपुर में सज रहा देश का सबसे बड़ा छठघाट

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में इस वर्ष छठ महापर्व की भव्य तैयारियां जोरों पर हैं। तोरवा स्थित देश के सबसे बड़े स्थायी छठघाट पर लगभग 60 हजार श्रद्धालु एक साथ सूर्य देव को अर्घ्य देंगे। 7 एकड़ में फैले इस विशाल घाट की सफाई और सजावट का कार्य तेजी से चल रहा है। आयोजन समिति के पदाधिकारी नदी की स्वच्छता और श्रद्धालुओं की सुविधा को लेकर लगातार निरीक्षण कर रहे हैं। यह पर्व 25 नवंबर से आरंभ होकर 28 नवंबर तक मनाया जाएगा।

Bilaspur Chhath Puja Preparation 2025: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में इस बार छठ महापर्व का आयोजन बेहद खास होने वाला है। दिवाली की रोशनी के बाद अब शहर छठ पूजा की आस्था से रंगने लगा है। तोरवा स्थित अरपा नदी के तट पर बना देश का सबसे बड़ा स्थायी छठघाट इस बार फिर हजारों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बनेगा।

यह घाट करीब 7 एकड़ क्षेत्र में फैला है और यहां एक किलोमीटर तक अर्घ्य देने के लिए विशेष बेदी तैयार की जा रही है। अनुमान है कि लगभग 50 हजार श्रद्धालु यहां सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करेंगे। आयोजन समिति ने साफ-सफाई और रंग-रोगन के कार्य को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है।

नगर निगम जुटा तैयारी में

दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के बाद घाट पर जमा मलबा हटाने का कार्य भी तेजी से चल रहा है। अब तक 25 ट्रक मलबा घाट से निकाला जा चुका है। सफाई कर्मियों और मशीनों की मदद से नदी का जल साफ किया जा रहा है ताकि श्रद्धालुओं को स्वच्छ वातावरण मिल सके।

अरपा नदी के तट पर छठ पूजा कार्यालय भी बनाया गया है, जहां आयोजन समिति के सदस्य लगातार तैयारियों की समीक्षा कर रहे हैं। नगर निगम और समिति मिलकर घाट की सुरक्षा, रोशनी और श्रद्धालुओं के मार्ग की व्यवस्था में जुटे हैं।

पवित्र अरपा किनारे आस्था का महापर्व

बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश की परंपरा से शुरू हुआ यह पर्व अब छत्तीसगढ़ में भी गहराई से रच-बस गया है। बिलासपुर में बसे पूर्वांचलवासी ही नहीं, बल्कि स्थानीय लोग भी इस महापर्व में पूरे उत्साह से शामिल होते हैं।

छठ पर्व के दौरान श्रद्धालु डूबते और उगते सूर्य को अर्घ्य देते हैं। यह परंपरा प्रकृति और सूर्य उपासना का प्रतीक मानी जाती है। बिलासपुर का विशाल छठघाट अब देश के प्रमुख धार्मिक स्थलों में शामिल हो चुका है।

छत्तीसगढ़ का बिलासपुर अब सिर्फ अपने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के लिए नहीं, बल्कि देश के सबसे बड़े स्थायी छठघाट के लिए भी जाना जाने लगा है। इस बार 25 से 28 नवंबर तक चलने वाला छठ महापर्व न केवल आस्था का प्रतीक होगा, बल्कि स्वच्छता और सामूहिक सहयोग का संदेश भी देगा।

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