
OPEN EXAM NEWS. शिक्षा के नाम पर अवैध वसूली के तो पहले भी कई मामले सामने आए है। शिक्षा को व्यापार बनाने वाले शहर में कई स्कूल व एकेडमी संचालित है जो छात्रों को शिक्षा के एवज में मनमानी रकम वसूलते है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहां पर ओपन स्कूल के परीक्षा फार्म भरने के लिए छात्रों से 2 हजार के बजाए साढ़े बारह हजार रुपये लिए है। जब छात्रों को इस बात का पता छात्रों को चला तो उन्होंने संचालिका से पूछा तो उन्होंने इसे कोचिंग शुल्क बताया। जिसका विरोध छात्रों ने किया।
बता दें, मामला सिविल लाइन थाना क्षेत्र का है। जहां पर स्कूली छात्रों ने शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में बताया गया है कि जिला मुख्यालय के पीछे कुदुदंड में एक मकान में संचालित नेशनल अकेडमी ने ओपन स्कूल की परीक्षा के नाम पर छात्रों से साढ़े बारह हजार वसूले है। शिकायत करने वाले छात्रों में मयंक पांडेय, प्रतीक सिंह, यशवंत पटेल व ऋषि विश्वकर्मा है। उन्होंने बताया कि नेशनल अकेडमी कुदुदंड में ओपन स्कूल पाठ्यक्रम की परीक्षा के लिए फार्म के लिए उनसे 2 हजार के बजाए 10 हजार 500 रुपये अधिक वसूल किया गया है।
पहले तो जब उन्होंने एकेडमी में फार्म के लिए पता किया तो वहां पर संचालिका सीमा चंद्रवंशी ने 12 हजार 500 रुपये बताया। इस पर छात्रों ने भरोसा किया और फार्म के लिए साढ़े 12 हजार रुपये दे दिए। लेकिन छात्रों को बाद में पता चला कि ओपन पाठ्यक्रम की परीक्षा के लिए फीस 2000 रुपये है। इस पर छात्रों ने संचालिका के पास जाकर पूछा तो संचालिका ने कहा कि 2 हजार फार्म का शुल्क है लेकिन बाकि की राशि कोचिंग के नाम पर ली गई है। छात्रों ने बताया कि वे वहां पर सिर्फ फार्म लिए है किसी तरह की कोई कोचिंग नहीं की है इसके बाद भी उनसे कोचिंग के नाम पर साढ़े दस हजार रुपये वसूला गया है।
इसका विरोध करने पर संचालिका ने कहा कि हमारी संस्था की पूरी शुल्क साढ़े बारह हजार ही है। चाहे कोचिंग लो या नहीं। छात्रों को पहले इसकी जानकारी नहीं दी गई थी तो संचालिका ने साफ इंकार करते हुए उल्टा छात्रों को ही कहा कि पहले ही जानकारी दी। छात्रों को इस तरह से परीक्षा के नाम पर अधिक राशि वसूले जाने से क्षुब्ध है। शिक्षा को व्यापार बनाने वाले नेशनल एकेडमी जैसे संस्थाओं पर कार्रवाई करने की मांग की है। साथ ही उनसे वसूले गए साढ़े दस हजार अधिक राशि को वापस दिलाने की मांग की है।
ऐसे संस्थानों पर को कड़ी कार्रवाई
शिक्षा का व्यवसाय के तौर पर बनाने वाले एकेडमी छात्रों की भावनाओं से खिलवाड़ करते हैं। ऐसे में यदि कोई बच्चा पढ़ना भी चाहे तो अवैध रूप से राशि मांगने पर पढ़ाई ही नहीं कर पाएंगे। 2 हजार के बजाए 12 हजार 500 रुपये वसूलना शिक्षा को व्यापार बनाना ही है। ऐसे में इस संस्था पर कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि ऐसे व्यापार करने वालों को सबक मिले।
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