Bilaspur News:हाईकोर्ट ने कहा—‘जांच में दखल नहीं!’ अमित बघेल की याचिका खारिज, गिरफ्तारी पर रोक देने से कोर्ट का इंकार
जोहार पार्टी के प्रमुख और छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के अध्यक्ष अमित बघेल को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। उनकी गिरफ्तारी और पुलिस जांच की निगरानी को लेकर दायर याचिका पर हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने सुनवाई के बाद स्पष्ट कहा कि अपराध की जांच में न्यायालय का हस्तक्षेप उचित नहीं है। इसी के साथ याचिका को खारिज कर दिया गया।

BILASPUR NEWS. जोहार पार्टी के प्रमुख और छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के अध्यक्ष अमित बघेल को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। उनकी गिरफ्तारी और पुलिस जांच की निगरानी को लेकर दायर याचिका पर हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने सुनवाई के बाद स्पष्ट कहा कि अपराध की जांच में न्यायालय का हस्तक्षेप उचित नहीं है। इसी के साथ याचिका को खारिज कर दिया गया।
कोर्ट—‘गिरफ्तारी या जांच के तरीके पर निर्देश देना न्यायिक दायरे से बाहर’
डिवीजन बेंच ने अपने आदेश में टिप्पणी की कि—
- आपराधिक जांच में हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता,
- न ही किसी आरोपी की गिरफ्तारी के संबंध में अदालत कोई निर्देश दे सकती है,
- जांच को किस अधिकारी की निगरानी में करवाना है, यह तय करना भी न्यायालय का क्षेत्राधिकार नहीं है।
बेंच ने कहा कि जांच के माइक्रो लेवल मैनेजमेंट पर निर्देश देना न्यायिक कार्यक्षेत्र से परे है।
कोर्ट ने खींची ‘जांच में हस्तक्षेप’ की सीमा
महत्वपूर्ण रूप से, हाईकोर्ट ने इस आदेश के जरिए यह स्पष्ट कर दिया कि पुलिस जांच को नियंत्रित करने या उसकी निगरानी तय करने के लिए न्यायालय से निर्देश नहीं मांगे जा सकते। कानून व्यवस्था और अपराध जांच प्रशासनिक तंत्र का विषय है।
अमित बघेल के तर्क अस्वीकार
अमित बघेल ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि गिरफ्तारी के बाद जांच की गति संदिग्ध है और इसे उच्च अधिकारियों की निगरानी में कराए जाने की आवश्यकता है। लेकिन कोर्ट ने उनके तर्कों को अपर्याप्त मानते हुए याचिका खारिज कर दी।
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कानूनी मोर्चे पर बड़ा झटका
याचिका खारिज होने के बाद अमित बघेल को अब विभागीय स्तर पर जारी पुलिस कार्रवाई का सामना करना होगा। कोर्ट की टिप्पणी ने साफ कर दिया है कि उनकी गिरफ्तारी या जांच के तरीके में हस्तक्षेप की उम्मीद अब न्यायालय से नहीं की जा सकती।




