Bilaspur News: बिलासपुर में मजदूर के घर 14 लाख मिलते ही बढ़ा रहस्य, पुलिस को पत्नी पर शक
कोतवाली थाना क्षेत्र के नारियल कोठी, मधुबन स्थित अटल आवास में रहने वाले मजदूर विजेंद्र बैस (38) के घर से पुलिस ने 14 लाख रुपये नकद बरामद किए हैं। अलमारी में छुपाकर रखे गए 500-500 के नोटों की गड्डियों से नमी और बदबू आ रही थी, जिससे पुलिस को शक है कि पैसा कई दिनों से छिपाकर रखा गया था।

BILASPUR NEWS. कोतवाली थाना क्षेत्र के नारियल कोठी, मधुबन स्थित अटल आवास में रहने वाले मजदूर विजेंद्र बैस (38) के घर से पुलिस ने 14 लाख रुपये नकद बरामद किए हैं। अलमारी में छुपाकर रखे गए 500-500 के नोटों की गड्डियों से नमी और बदबू आ रही थी, जिससे पुलिस को शक है कि पैसा कई दिनों से छिपाकर रखा गया था।
विजेंद्र मजदूरी करता है और उसकी पत्नी घरों में बर्तन धोने का काम। बीते दिनों दोनों का खर्च अचानक बढ़ा नई स्कूटी खरीदी। दूसरी जगह घर निर्माण शुरू किया। घर पर बड़ा ताला लगाना शुरू किया। इन गतिविधियों ने पुलिस का ध्यान खींचा। इसके बाद कोतवाली, तारबहार और एसआईसीयू की संयुक्त टीम ने शनिवार को घर में दबिश दी।
अलमारी में बैग से मिली 14 लाख की गड्डियां
तलाशी में अलमारी से एक बैग मिला, जिसमें 500-500 की गड्डियां भरी थीं। विजेंद्र पैसे के स्रोत का कोई दस्तावेज नहीं दिखा सका।कड़ाई से पूछताछ पर उसने बताया कि सारा पैसा उसकी पत्नी लेकर आई थी।
नोटों में नमी और बदबू—काफी समय से छिपे होने का संकेत
पुलिस के मुताबिक जब्त किए गए नोटों में नमी के कारण तेज बदबू थी। अधिकारियों का मानना है कि पैसा काफी समय से घर में छुपा था। या यह किसी गलत गतिविधि से जुड़ा हो सकता है या किसी बड़े व्यक्ति ने रेड से बचने के लिए मजदूर को पैसा छिपाने के लिए दिया हो सकता है ।सभी पहलुओं से जांच जारी है।
पत्नी अलमारी को हाथ नहीं लगाने देती थी
पूछताछ में विजेंद्र ने कहा कि उसकी पत्नी उसे अलमारी छूने तक नहीं देती थी। अलमारी की चाबी हमेशा वही रखती थी। घर में ताला लगाने और अलमारी बंद रखने का नियंत्रण भी उसी के पास था। पत्नी के गायब होने से पुलिस को शक है कि पूरे मामले की मुख्य भूमिका उसी की है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है।
पति गिरफ्तार, पत्नी फरार—जांच तेज
पुलिस ने विजेंद्र को गिरफ्तार कर लिया है और बरामद राशि जब्त कर ली गई है। पत्नी के पकड़े जाने के बाद ही पैसे के स्रोत और पूरी सच्चाई का खुलासा होने की उम्मीद है।








