Bilaspur News: गांव की चुप्पी में छिपा कत्ल,जंगल में मिली लाश ने खोली रंजिश की परतें
भैंसाझार गांव में पिछले तीन महीनों से simmer कर रही खामोशी ने आखिर एक खौफनाक सच उगल दिया। पूर्व उपसरपंच सूर्य प्रकाश बघेल की हत्या कोई अचानक हुआ झगड़ा नहीं, बल्कि धीरे-धीरे पक रही उस रंजिश का नतीजा थी, जिसकी भनक गांव वाले होते हुए भी खुलकर नहीं बता सके।

BILASPUR NEWS. भैंसाझार गांव में पिछले तीन महीनों से simmer कर रही खामोशी ने आखिर एक खौफनाक सच उगल दिया। पूर्व उपसरपंच सूर्य प्रकाश बघेल की हत्या कोई अचानक हुआ झगड़ा नहीं, बल्कि धीरे-धीरे पक रही उस रंजिश का नतीजा थी, जिसकी भनक गांव वाले होते हुए भी खुलकर नहीं बता सके।
4 दिसंबर को लापता हुए सूर्य प्रकाश की लाश जब 6 दिसंबर को जंगल में खून से लथपथ मिली, तब जाकर इस शांत से गांव में दबी-दबी चर्चाएं अचानक चीखों में बदल गईं।
हत्या के आरोपी दोनों भाई रंजीत और सुधीर पिछले तीन महीनों से गांव में दिखाई नहीं दे रहे थे। लोगों ने उन्हें गायब तो देखा, लेकिन किसी ने उनके अचानक चले जाने पर सवाल नहीं उठाया। जमीन विवाद में पहले भी कई बार तनाव हुआ था, पर उसकी गंभीरता किसी ने भांपी नहीं।इसी चुप्पी ने आरोपियों को वारदात की हिम्मत दी।
सूर्य प्रकाश की बाइक और खून से सने निशान जंगल में मिलने के बाद पुलिस को समझ में आया—यह कोई लापता होने का केस नहीं, बल्कि योजनाबद्ध हत्या है। गांव के कुछ लोगों द्वारा धीरे-धीरे बताई गई बातों ने पुलिस को उस दिशा में धकेला, जहाँ से दोनों भाइयों का नाम सामने आया। जैसे ही तकनीकी इनपुट ने पुष्टि की, पुलिस ने दोनों को घेरकर पकड़ लिया।
पूछताछ में सामने आया कि विवाद पुराना था, दोनों आरोपी मौके की तलाश में थे, तीन महीनों से गांव से बाहर रहकर माहौल देखते रहे और मौका मिलते ही सुनसान जंगल में पूर्व उपसरपंच को रोककर हमला कर दिया। हत्या में इस्तेमाल पाइप, लकड़ी व बाइक भी बरामद हो गई है।








