Bilaspur News:झूठी पहचान कर रचाई शादी, हाईकोर्ट ने दिया तलाक का रास्ता
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि बार-बार आत्महत्या की धमकी देना भी पति के प्रति मानसिक क्रूरता है। अदालत ने एक ऐसे मामले में पति को तलाक की राहत दी, जिसमें पत्नी ने मुस्लिम परिवार से होने के बावजूद खुद को हिंदू बताकर युवक से शादी की थी और बाद में लगातार आत्महत्या की धमकियों से उसे मानसिक दबाव में रखा।

BILASPUR NEWS. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि बार-बार आत्महत्या की धमकी देना भी पति के प्रति मानसिक क्रूरता है। अदालत ने एक ऐसे मामले में पति को तलाक की राहत दी, जिसमें पत्नी ने मुस्लिम परिवार से होने के बावजूद खुद को हिंदू बताकर युवक से शादी की थी और बाद में लगातार आत्महत्या की धमकियों से उसे मानसिक दबाव में रखा।
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धमतरी जिले के युवक की 2018 में हिंदू रीति से शादी हुई। युवक का आरोप है कि शादी तय होने पर लड़की और उसका परिवार खुद को हिंदू बताते थे, लेकिन शादी के कुछ महीनों बाद उसे सच्चाई पता चली कि वे मुस्लिम परिवार से हैं।
जब पति को सच पता चला कि पत्नी मुस्लिम परिवार से है, तो उसने दर्गाह जाना बंद कर दिया और पत्नी को मायके जाने से भी रोका।
इसके बावजूद पत्नी हर गुरुवार अपने माता-पिता के घर जाने की जिद करती, जिससे विवाद बढ़ता गया।
पति ने आरोप लगाया कि पत्नी और उसके माता-पिता ने उस पर मुस्लिम धर्म अपनाने के लिए दबाव बनाया। पति द्वारा मना करने के बाद पत्नी के व्यवहार में बड़ा बदलाव आ गया और वह अक्सर झगड़ा करने लगी। 25 सितंबर 2019 को एक दिन विवाद इतना बढ़ गया कि पत्नी ने खुद पर केरोसिन डालकर माचिस जलाने की कोशिश की। पति ने किसी तरह उसे बचा लिया। इसके बाद पत्नी अपने माता-पिता के घर चली गई और वापस नहीं लौटी।
हाईकोर्ट ने माना कि ऐसे व्यवहार से पति लगातार भय और तनाव में जीने को मजबूर रहता है, जो मानसिक क्रूरता की श्रेणी में आता है। कोर्ट ने फैमिली कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए युवक को तलाक की अनुमति दी।
अदालत ने कहा—शादी छल से की गई हो और उसके बाद पति को आत्महत्या की धमकियों से डराया जाए, तो यह वैवाहिक संबंधों की नींव को ही नष्ट कर देता है।








