Durg News:तेज़ रफ्तार फॉर्च्यूनर ने छीनी मासूम की जान, 3 दिन बाद भी FIR नहीं, LIVE VIDEO में साफ दिखा हादसा
अमलेश्वर थाना क्षेत्र में तेज रफ्तार फॉर्च्यूनर की चपेट में आकर 12 वर्षीय टकेश्वर साहू की मौत हो गई, जबकि 10 वर्षीय प्रह्लाद यदु वेंटिलेटर पर जिंदगी और मौत के बीच झूल रहा है। हादसा 29 नवंबर को हुआ, लेकिन तीन दिन बीत जाने के बाद भी FIR दर्ज न होने से स्थानीय लोगों में नाराजगी है। घटना का LIVE वीडियो भी वायरल है।

DURG NEWS. अमलेश्वर थाना क्षेत्र में तेज रफ्तार फॉर्च्यूनर की चपेट में आकर 12 वर्षीय टकेश्वर साहू की मौत हो गई, जबकि 10 वर्षीय प्रह्लाद यदु वेंटिलेटर पर जिंदगी और मौत के बीच झूल रहा है। हादसा 29 नवंबर को हुआ, लेकिन तीन दिन बीत जाने के बाद भी FIR दर्ज न होने से स्थानीय लोगों में नाराजगी है। घटना का LIVE वीडियो भी वायरल है।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक कार की स्पीड इतनी तेज थी कि टक्कर लगते ही दोनों बच्चे करीब 2 फीट हवा में उछलकर 20–30 मीटर तक सड़क पर घिसटते चले गए। प्रह्लाद के सिर में गहरी चोटें आईं और उसकी हालत नाजुक है।
दादी से मिलने जा रहा था टकेश्वर, रास्ते में मौत ने रोक दिया
शनिवार को स्कूल से लौटने के बाद टकेश्वर अपनी दादी से मिलने जा रहा था। एक दोस्त पहले ही निकल गया था और वह प्रह्लाद के साथ साइकल से पीछे आ रहा था। तभी तेज रफ्तार फॉर्च्यूनर ने दोनों को कुचल दिया।
टकेश्वर कक्षा 6वीं और प्रह्लाद कक्षा 4वीं का छात्र है।
पिता का गंभीर आरोप—राजनीतिक संरक्षण मिल रहा है आरोपी को
टकेश्वर के पिता ने कहा कि वे तीन दिनों से न्याय की उम्मीद में भटक रहे हैं, लेकिन पुलिस FIR दर्ज नहीं कर रही। उन्होंने आरोप लगाया कि राजनीतिक रसूखदारों के दबाव के कारण पुलिस कार्रवाई से बच रही है।
पिता ने बताया कि पुलिस कह रही है मैकाहारा से रिपोर्ट आएगी तभी FIR होगी।
उनका दावा है कि आरोपी पक्ष एक राजनीतिक पार्टी से जुड़ा है और उसी पार्टी से जुड़े राजनांदगांव के एक अगवानी नेता के समर्थक थाने पहुंचकर जब्त की गई कार भी छुड़वा ले गए।
नया खुलासा: हादसे में शामिल गाड़ियाँ तेज रफ्तार में रायपुर की ओर जा रही थीं
परिजन रोहित साहू के मुताबिक जिन दो गाड़ियों में सवार लोग तेज रफ्तार से रायपुर की ओर जा रहे थे, उनमें से एक फॉर्च्यूनर ने बच्चों को टक्कर मारी। हादसे के बाद उस गाड़ी को थाने में खड़ा कराया गया था।
दूसरी गाड़ी में सवार लोग घायल बच्चों को लेकर मेकाहारा अस्पताल गए। लेकिन बाद में वही लोग थाने में खड़ी कार लेकर चले गए—न पुलिस ने रोका, न कोई कार्रवाई की।
इलाके में गुस्सा, परिजन न्याय की मांग पर अड़े
घटना के बाद से गांव में गुस्सा है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब वीडियो, गवाह और घटनास्थल की सारी जानकारी मौजूद है, तो FIR में देरी क्यों? परिजनों का कहना है—“यदि आरोपी साधारण व्यक्ति होता, तो पुलिस तुरंत कार्रवाई करती। लेकिन यहाँ राजनीतिक दबाव साफ दिख रहा है।”






