Raipur News:‘वक्फ नोटिस’ का झटका: पुरानी बस्ती के हिंदू परिवारों में हड़कंप, बोले— “60 साल बाद कैसे हमारी जमीन आपकी हो गई?”
राजधानी रायपुर की पुरानी बस्ती में उस समय अफरा-तफरी मच गई जब छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड ने दिवाली से ठीक एक दिन पहले 60 से 70 साल से रह रहे हिंदू परिवारों को जमीन खाली करने का नोटिस थमा दिया। वक्फ बोर्ड का दावा है कि जिन मकानों में ये परिवार पीढ़ियों से रह रहे हैं, वह जमीन बोर्ड की संपत्ति है। नोटिस में कहा गया है कि दो दिन के भीतर कलेक्टर के सामने पेश होकर जवाब दें, अन्यथा कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

RAIPUR NEWS. राजधानी रायपुर की पुरानी बस्ती में उस समय अफरा-तफरी मच गई जब छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड ने दिवाली से ठीक एक दिन पहले 60 से 70 साल से रह रहे हिंदू परिवारों को जमीन खाली करने का नोटिस थमा दिया। वक्फ बोर्ड का दावा है कि जिन मकानों में ये परिवार पीढ़ियों से रह रहे हैं, वह जमीन बोर्ड की संपत्ति है। नोटिस में कहा गया है कि दो दिन के भीतर कलेक्टर के सामने पेश होकर जवाब दें, अन्यथा कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
इस नोटिस से इलाके में तनाव और नाराजगी दोनों बढ़ गए हैं। लोगों का कहना है कि उनके पास 1948 और 1965 की रजिस्ट्री तक मौजूद है। दशकों तक वक्फ बोर्ड ने कभी इस जमीन पर दावा नहीं किया, लेकिन अब अचानक दिवाली से पहले नोटिस देना, लोगों के लिए सदमे से कम नहीं।
इलाके में आक्रोश बढ़ा, लोग बोले— ‘प्रशासन तुरंत दखल दे’
स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह प्रशासनिक अन्याय है। उन्होंने जिला प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। कुछ लोगों ने यह भी सवाल उठाया कि इतने वर्षों तक अगर यह वक्फ की जमीन थी, तो पहले क्यों नहीं कोई कार्रवाई हुई?
वक्फ बोर्ड ने दी सफाई— किराया बढ़ाया, पुराने कब्जों पर सख्ती
उधर, छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सलीम राज पहले ही यह कह चुके हैं कि प्रदेश में लगभग सात हजार करोड़ रुपये की संपत्ति है, लेकिन उससे कोई आर्थिक लाभ नहीं हो पा रहा है। कई संपत्तियों पर लोग पीढ़ियों से कब्जा किए हुए हैं, और कई जगहों पर किराया बेहद कम (200 से 500 रुपये) है, जबकि बाजार किराया 50 हजार तक है। कई लोगों ने तो बोर्ड से 5 हजार में दुकान लेकर 35 हजार रुपये में किराये पर दे रखी है।
अब सवाल यह है कि दशकों पुराना कब्जा—कानूनी हक है या विवाद की नई शुरुआत?
पुरानी बस्ती में अब यह मामला सियासी और सामाजिक चर्चा का विषय बन गया है। दिवाली से ठीक पहले नोटिस दिए जाने से लोगों में भय और असंतोष दोनों है। फिलहाल वक्फ बोर्ड की ओर से इस विवाद पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।






