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Sawan 2025 Shivling: सावन में कितने प्रकार के शिवलिंग होते हैं, उनके निर्माण का तरीका और महत्व

सावन 2025 में भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए भक्त अलग-अलग प्रकार के शिवलिंगों की पूजा करते हैं। स्वयंभू, पारद, स्फटिक, पार्थिव, नर्मदेश्वर और धातु से बने शिवलिंग के महत्व और उनकी विशेषताओं को जानिए और सही तरीके से शिवलिंग पूजा कर पुण्य लाभ पाइए।

Sawan 2025 Shivling: सावन 2025 में भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए भक्त अलग-अलग प्रकार के शिवलिंगों की पूजा करते हैं। स्वयंभू, पारद, स्फटिक, पार्थिव, नर्मदेश्वर और धातु से बने शिवलिंग के महत्व और उनकी विशेषताओं को जानिए और सही तरीके से शिवलिंग पूजा कर पुण्य लाभ पाइए।

Shivling kitne prakar ke hote Hain Sawan 2025: शिवलिंग के प्रकार और उनका महत्त्व सावन का पवित्र महीना 11 जुलाई से आरंभ हो रहा है। भगवान शिव के उपासक इस माह में विशेष पूजा-अर्चना और अभिषेक कर शिव को प्रसन्न करते हैं। ज्योतिषाचार्य एवं वास्तुविद् आचार्य संदीप तिवारी के अनुसार इस समय किन-किन प्रकार के शिवलिंगों की पूजा की जाती है और वे क्यों महत्वपूर्ण माने जाते हैं।

स्वयंभू शिवलिंग
भारत में 12 ज्योतिर्लिंग हैं, जिन्हें स्वयंभू शिवलिंग कहा जाता है। ये प्राकृतिक रूप से उत्पन्न हुए माने जाते हैं और इनके दर्शन मात्र से ही पापों से मुक्ति मिलती है। स्वयंभू शिवलिंग अत्यंत पवित्र माने जाते हैं और इनका आध्यात्मिक महत्व बहुत अधिक होता है।
पारद शिवलिंग
पारे को ठोस रूप देकर जो शिवलिंग निर्मित होते हैं, उन्हें पारद शिवलिंग कहा जाता है। इन्हें शिव पुराण में विशेष स्थान दिया गया है। मान्यता है कि पारद शिवलिंग की नियमित पूजा से सिद्धियों की प्राप्ति होती है और मोक्ष मार्ग प्रशस्त होता है। यह शिवलिंग घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
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स्फटिक शिवलिंग
स्फटिक से बना शिवलिंग अत्यंत शुभ और मनोकामनाएं पूर्ण करने वाला माना जाता है। इसका पूजन साधक को मानसिक शांति, ध्यान की शक्ति और चित्त की एकाग्रता प्रदान करता है। कहा जाता है कि स्फटिक शिवलिंग घर में हो तो नकारात्मक ऊर्जा दूर रहती है।
पार्थिव शिवलिंग
मिट्टी से बनाए जाने वाले शिवलिंग को पार्थिव शिवलिंग कहा जाता है। सावन में विशेषकर पार्थिव शिवलिंग बनाकर रुद्राभिषेक करने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इसे बनाना और पूजन करना सरल होता है और साधक की श्रद्धा का प्रतीक माना जाता है।
नर्मदेश्वर शिवलिंग
नर्मदा नदी से प्राकृतिक रूप से प्राप्त होने वाले शिवलिंग को नर्मदेश्वर शिवलिंग कहते हैं। यह बिना किसी विशेष विधि के पूजे जा सकते हैं और इनकी महिमा स्वयंभू शिवलिंग जैसी ही मानी जाती है। ये भी भक्त के जीवन में शांति और समृद्धि लाते हैं।
धातु से बने शिवलिंग
कुछ लोग शिवलिंग को सोना, चांदी, तांबा, पीतल या अष्टधातु से बनवाते हैं। मान्यता है कि धातु निर्मित शिवलिंग मोक्ष व ज्ञान की प्राप्ति में सहायक होते हैं। इन्हें घर में स्थापित कर नियमित पूजन करने से परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

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