HC का बड़ा फैसला कहा दिव्यांग जनों को भी समान अवसर का अधिकार, JE के पद पर 45 दिनों में नियुक्ति का आदेश

CHHATTISGARH HIGH COURT NEWS. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने जूनियर इंजीनियर पद में नियुक्ति के दौरान जारी विज्ञापन में दिव्यांग उम्मीदवारों के लिए पद नहीं होने के मामले में सुनवाई की। हाईकोर्ट कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि दिव्यांग जनों को भी समान अवसर का अधिकार है। सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए जूनियर इंजीनियर के पद पर याचिकाकर्ता को 45 दिनों के भीतर नियुक्ति देने का आदेश जारी किया है।
बता दें, छत्तीसगढ़ स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी ने 3 नवंबर 2014 को जूनियर इंजीनियर (इलेक्ट्रिकल) के पद का विज्ञापन जारी किया था। उपरोक्त विज्ञापन में छत्तीसगढ़ शासन के आरक्षण रोस्टर का पालन करने के लिए सभी वर्गों हेतू पद निर्धारित किए गए थे लेकिन निःशक्तजनों के लिए किसी भी वर्ग में आरक्षण नहीं दिया गया था।
इस पर याचिकाकर्ता बलौदाबाजार निवासी मनोज कुमार सोनी जो कि निःशक्तजन वर्ग में आते है। उन्होंने छत्तीसगढ़ स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी द्वारा जूनियर इंजीनियर (इलेक्ट्रिकल) के पद हेतू जारी विज्ञापन में निःशक्त व्यक्ति समान अवसर अधिकार संरक्षण और भागीदारी अधिनियम 1995 के तहत निःशक्त जन के लिए आरक्षण नहीं दिए जाने पर परिवेदित होकर अपने अधिवक्ता के माध्यम से याचिका दायर की।
मामले की सुनवाई जस्टिस रजनी दुबे के बेंच में हुई। कोर्ट ने छत्तीसगढ़ स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी द्वारा जारी जूनियर इंजीनियर के विज्ञापन में निःशक्तों के लिए पद नहीं दिए जाने को नियमों का उल्लंघन बताया है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि विज्ञापन में दिव्यांगों के लिए पद नहीं होना निःशक्त व्यक्ति समान अवसर अधिकार संरक्षण और पूर्ण भागीदारी अधिनियम 1995 के तहत निःशक्तजनों के लिए आरक्षण नहीं दिया गया जो कि इस अधिनियम का उल्लंघन है।
कोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकील के दलीलों को सुना और फैसला सुनाते हुए छत्तीसगढ़ स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी को 45 दिनों के भीतर जूनियर इंजीनियर के पद पर नियुक्ति देने का आदेश जारी किया है।