India Caste Census 2027: भारत में पहली बार होगी जातीय जनगणना, जानें पूरी जानकारी
जानें भारत जनगणना 2027 की पूरी प्रक्रिया, पहली बार जातीय जनगणना होगी, डिजिटल सर्वेक्षण, डेटा सुरक्षा और परिसीमन से जुड़ी सभी जानकारी।

भारत में जनगणना क्यों जरूरी है? (Why Census is Important in India?)
भारत में हर 10 साल में एक बार जनगणना कराई जाती है। Census in India से सरकार को देश की जनसंख्या, सामाजिक-आर्थिक स्थिति, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां मिलती हैं। ये आंकड़े नीतियों और योजनाओं को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। 2027 में होने वाली 16वीं जनगणना खास होगी क्योंकि इस बार जातीय जनगणना (Caste Census) भी शामिल होगी।
16वीं जनगणना 2027 कब होगी? (When will India’s 16th Census be conducted?)
16वीं जनगणना 2027 में दो चरण होंगे:
पहला चरण (House Listing Operation – HLO)
➡ मकानों की गिनती और सुविधाओं की जानकारी
➡ पूरा होगा – 1 फरवरी 2027 तक
दूसरा चरण (Population Enumeration – PE)
➡ हर व्यक्ति की व्यक्तिगत, सामाजिक-आर्थिक जानकारी
➡ पूरा होगा – फरवरी 2027 के अंत तक
Reference Date (संदर्भ तिथि): 1 मार्च 2027 की आधी रात
जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, उत्तराखंड जैसे राज्यों में यह प्रक्रिया अक्टूबर 2026 में पूरी कर ली जाएगी। इनके लिए 1 अक्टूबर 2026 को रेफरेंस डेट माना जाएगा।
इस बार की जनगणना 2011 से कैसे अलग है? (How is Census 2027 Different from Census 2011?)
• भारत में पहली बार जाति जनगणना (Caste Census 2027)
• पूरी तरह डिजिटल जनगणना (Digital Census)
• मोबाइल ऐप्स के जरिए डेटा कलेक्शन – 16 भाषाओं में उपलब्ध
• सेल्फ-काउंटिंग (Self Enumeration) की सुविधा
• डेटा सिक्योरिटी के लिए सख्त इंतजाम
2011 में जनगणना कागजी प्रक्रिया से होती थी और जाति से जुड़ी जानकारी नहीं ली गई थी। अब जाति (Caste) का अलग कॉलम होगा, जिससे समाज की हकीकत सामने आ सकेगी।
जाति जनगणना क्यों जरूरी है? (Why is Caste Census Important in India?)
भारत में जाति लंबे समय से सामाजिक और राजनीतिक चर्चा का विषय रही है। जातीय जनगणना से यह पता चलेगा कि किस जाति की आर्थिक, शैक्षणिक और सामाजिक स्थिति क्या है। इससे आरक्षण नीति और कल्याणकारी योजनाएं बनाने में मदद मिलेगी।
कितने लोग जनगणना में लगाए जाएंगे? (How Many Officials in Census 2027?)
➡ 34 लाख गणक और सुपरवाइजर
➡ 1.3 लाख जनगणना अधिकारी
➡ सभी अधिकारी डिजिटल डिवाइस और मोबाइल ऐप्स से लैस होंगे
जनगणना में कौन-कौन सी जानकारियां ली जाएंगी? (What Data Will be Collected in Census 2027?)
1. घर की स्थिति और सुविधाएं
2. संपत्ति और संसाधन
3. हर व्यक्ति की उम्र, लिंग, शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य
4. सेहत से जुड़ी जानकारी जैसे डायबिटीज जैसी बीमारियों का डेटा
क्या आपकी जानकारी सुरक्षित रहेगी? (Is Your Data Safe in Census 2027?)
डेटा सुरक्षा (Data Privacy) का पूरा ध्यान रखा जाएगा। डेटा के इकट्ठा होने से लेकर स्टोरेज तक एनक्रिप्शन तकनीक का इस्तेमाल होगा। डाटा लीक रोकने के लिए कड़े कानून और प्रोटोकॉल लागू किए जाएंगे।
जनगणना में देरी क्यों हुई? (Why is there a Delay in Census?)
➡ कोरोना महामारी (COVID-19) के कारण 2021 की जनगणना टल गई थी।
➡ अब यह प्रक्रिया 2025 से शुरू होकर 2027 तक चलेगी।
➡ अगली जनगणना अब 2035 में होने की संभावना है।
क्या जनगणना के बाद परिसीमन (Delimitation) होगा? (Will Delimitation Start after Census?)
➡ जनगणना पूरी होने के बाद 2028 तक लोकसभा और विधानसभा सीटों का परिसीमन (Delimitation) शुरू हो सकता है।
➡ इसमें महिलाओं के लिए 33% आरक्षण लागू किया जाएगा।
➡ 2029 के चुनाव से पहले नई आरक्षित सीटें तय हो जाएंगी।
भारत में पहली जातीय जनगणना कब हुई थी? (When Was First Caste Census Conducted in India?)
➡ 1881 से 1931 तक भारत में जातीय जनगणना हुई थी।
➡ 1941 में आंकड़े जुटाए गए, लेकिन सार्वजनिक नहीं किए गए।
➡ 2027 में पहली बार डिजिटल तरीके से राष्ट्रीय स्तर पर जाति जनगणना होगी।
➡ कुछ राज्यों जैसे बिहार, तेलंगाना, कर्नाटक ने पहले ही अपने-अपने राज्य स्तर पर जातीय सर्वेक्षण कराए हैं।