रामगढ़ बचाने टीएस सिंहदेव की पहल: मुख्यमंत्री को लिखी चिट्ठी, गलत प्रतिवेदन देकर खदान खोलने की कोशिश पर जताई आपत्ति, बोले– बर्बाद हो जाएगी राम की विरासत
अंबिकापुर। पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने सरगुजा जिले के हसदेव अरण्य क्षेत्र में प्रस्तावित केटे एक्सटेंशन कोल ब्लॉक को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कड़ा विरोध दर्ज कराया है

अंबिकापुर। पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने सरगुजा जिले के हसदेव अरण्य क्षेत्र में प्रस्तावित केटे एक्सटेंशन कोल ब्लॉक को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कड़ा विरोध दर्ज कराया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि खदान खोलने के लिए शासन स्तर से गलत प्रतिवेदन तैयार किया गया है, जिससे ऐतिहासिक और धार्मिक धरोहर रामगढ़ पर्वत गंभीर संकट में पड़ जाएगा।
सिंहदेव ने पत्र में लिखा है कि वन विभाग की रिपोर्ट में कोल ब्लॉक की दूरी सीताबेंगरा से 11 किलोमीटर बताई गई है, जबकि वास्तविक दूरी रामगढ़ से केवल 8.1 किलोमीटर और जोगीमाड़ा से 9.3 किलोमीटर ही है। उन्होंने इस गड़बड़ी पर तत्काल पुनः सर्वेक्षण कराने की मांग की है।
पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा कि खदान खोलने से रामगढ़ की धार्मिक-आध्यात्मिक पहचान, स्थानीय समाज की आस्था और प्राकृतिक पर्यावरण तीनों पर गहरा असर पड़ेगा। उन्होंने चेतावनी दी कि खदान की ब्लास्टिंग से पहाड़ियों में दरारें और भूस्खलन की घटनाएं बढ़ रही हैं, जिससे रामगढ़ का अस्तित्व ही खतरे में आ जाएगा।
सिंहदेव ने यह भी तर्क दिया कि प्रदेश में पहले से मौजूद कोयला ब्लॉक से आने वाले 30 साल तक की मांग पूरी हो सकती है, ऐसे में नया ब्लॉक खोलने की कोई आवश्यकता नहीं है।
स्थानीय ग्रामीण और आदिवासी समाज भी लंबे समय से खदान का विरोध कर रहा है। उनका कहना है कि रामगढ़ उनकी आस्था और संस्कृति का केंद्र है। वहीं, मंत्री स्तर पर भी स्पष्ट किया गया है कि “रामगढ़ को किसी भी हालत में नुकसान नहीं पहुंचने दिया जाएगा।”