छत्तीसगढ़
Bilaspur News: साधु-संतों ने छत्तीसगढ़ में “ऑपरेशन कालनेमि” लागू करने की मांग, फर्जी साधुओं पर हो सख्त कार्रवाई
अखिल भारतीय संत समिति छत्तीसगढ़ ने प्रदेश में बढ़ते फर्जी साधु-संतों और धर्म के नाम पर हो रहे छल-कपट को रोकने के लिए "ऑपरेशन कालनेमि" लागू करने की मांग की है। बिलासपुर में आयोजित प्रेस वार्ता में महामंडलेश्वर सर्वेश्वर दास जी महाराज, प्रदेश महामंत्री महंत राधेश्याम दास जी महाराज और प्रदेश प्रवक्ता महंत दिव्याकांत दास जी महाराज ने संयुक्त रूप से कहा कि आज प्रदेश में साधु-संतों के भेष में ठग सक्रिय हैं।

BILASPUR NEWS. अखिल भारतीय संत समिति छत्तीसगढ़ ने प्रदेश में बढ़ते फर्जी साधु-संतों और धर्म के नाम पर हो रहे छल-कपट को रोकने के लिए “ऑपरेशन कालनेमि” लागू करने की मांग की है। बिलासपुर में आयोजित प्रेस वार्ता में महामंडलेश्वर सर्वेश्वर दास जी महाराज, प्रदेश महामंत्री महंत राधेश्याम दास जी महाराज और प्रदेश प्रवक्ता महंत दिव्याकांत दास जी महाराज ने संयुक्त रूप से कहा कि आज प्रदेश में साधु-संतों के भेष में ठग सक्रिय हैं। ये असामाजिक तत्व न केवल लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ कर रहे हैं, बल्कि समाज में धार्मिक सौहार्द्र और सनातन संस्कृति की छवि को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं।
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उन्होंने कहा कि जिस प्रकार असुर कालनेमि ने साधु का भेष धारण कर हनुमान जी को भ्रमित करने का प्रयास किया था, उसी तरह आज कई लोग साधु वेश धारण कर अपराध में लिप्त हैं। ऐसे लोगों पर अंकुश लगाने के लिए “ऑपरेशन कालनेमि” समय की जरूरत है।
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संत समिति ने सरकार से आग्रह किया कि—
फर्जी आधार कार्ड धारियों की जांच हो, विशेषकर जिन पर रोहिंग्या और बांग्लादेशी होने का संदेह है।
साधु-संत के भेष में घूमने वालों का विधिवत रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया जाए।
धर्मांतरण कर चुके लोगों को शासन से मिलने वाले अनुदानों से वंचित किया जाए।
सनातनी मठ-मंदिरों में विधर्मियों को कर्मचारी के रूप में नियुक्त न किया जाए।
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साधु-संतों ने कहा कि माँ कौशिल्या की जन्मभूमि और भगवान श्रीराम का ननिहाल होने के नाते छत्तीसगढ़ की धार्मिक गरिमा और आस्था की रक्षा सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने चेतावनी दी कि आस्था के नाम पर पाखंड फैलाने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाना चाहिए।