छत्तीसगढ़

Raipur News:जमीन की नई गाइडलाइन दरों पर बवाल जारी, कांग्रेस–व्यापारियों का विरोध तेज

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा हाल ही में जारी की गई जमीन की नई गाइडलाइन दरों को लेकर राज्यभर में विवाद गहराता जा रहा है। राजधानी रायपुर में भूमि व्यवसाय से जुड़े लोगों और कांग्रेस नेताओं ने मिलकर इस फैसले के खिलाफ जनसंवाद और विरोध रैली निकाली। कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा और गाइडलाइन दरों को तत्काल वापस लेने की मांग की।

RAIPUR NEWS. छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा हाल ही में जारी की गई जमीन की नई गाइडलाइन दरों को लेकर राज्यभर में विवाद गहराता जा रहा है। राजधानी रायपुर में भूमि व्यवसाय से जुड़े लोगों और कांग्रेस नेताओं ने मिलकर इस फैसले के खिलाफ जनसंवाद और विरोध रैली निकाली। कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा और गाइडलाइन दरों को तत्काल वापस लेने की मांग की।

वित्त मंत्री ओपी चौधरी का कांग्रेस पर बड़ा हमला

वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने नई दरों के खिलाफ हो रहे आंदोलन को कांग्रेस की “साजिश” बताया। उन्होंने कहा कि—

  • कांग्रेस सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान गाइडलाइन दरों में 30% की कटौती की थी।
  • इनके नेताओं को दारू, कोयला और महादेव सट्टा का पैसा जमीन में खपाना था, इसलिए दरें जानबूझकर नहीं बढ़ाई गईं।
  • कांग्रेस नेताओं ने कम दाम पर जमीन खरीदकर बड़े पैमाने पर लैंड बैंक तैयार किया।

चौधरी ने दावा किया कि नई गाइडलाइन दरों से—

  • किसानों को अधिग्रहण में ज्यादा मुआवजा मिलेगा
  • मध्यम वर्ग को अधिक होम लोन मिल सकेगा
  • रियल एस्टेट सेक्टर में पारदर्शिता आएगी
  • राज्य को अतिरिक्त राजस्व लाभ होगा
कांग्रेस और जमीन व्यवसायियों का जोरदार विरोध

कांग्रेस नेता और पूर्व महापौर प्रमोद दुबे के नेतृत्व में भूमि कारोबारियों ने कलेक्टर कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। उन्होंने नई गाइडलाइन को तुगलकी और अव्यावहारिक बताया।

दुबे ने कहा कि—

  • जिस जमीन की दर पहले 600 रुपये प्रति वर्गफुट थी, उसे बढ़ाकर 4200 रुपये कर दिया गया।
  • 5000 वर्गफुट के प्लॉट की बाजार कीमत लगभग 30 लाख है, लेकिन नई गाइडलाइन के कारण 20 लाख रुपये का पंजीयन शुल्क देना पड़ रहा है।
  • यह फैसला सामान्य लोगों की खरीद क्षमता को खत्म कर देगा और जमीन खरीदना असंभव हो जाएगा।

उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने 5 डिसिमल तक छोटी जमीन की रजिस्ट्री पर लगे प्रतिबंध को हटाया था, लेकिन मौजूदा सरकार ने इसे फिर से लागू कर दिया है।

दुबे ने चेतावनी दी कि जब तक यह “गलत निर्णय” वापस नहीं लिया जाता, विरोध जारी रहेगा।

राज्य में राजनीतिक टकराव तेज

नई गाइडलाइन दरों को लेकर सरकार और विपक्ष दोनों के बीच सीधा टकराव नजर आ रहा है।
जहां सरकार इसे आर्थिक सुधार बता रही है, वहीं विपक्ष और जमीन व्यवसायी इसे जनविरोधी कदम कहकर घोर विरोध कर रहे हैं।

जमीन मूल्य निर्धारण को लेकर यह विवाद आने वाले दिनों में बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन सकता है।

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