Bilaspur News: धमतरी पुलिस हिरासत में मौत: हाईकोर्ट ने कहा – यह कस्टोडियल बर्बरता, राज्य सरकार जिम्मेदार
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने धमतरी में पुलिस हिरासत में हुई युवक की मौत को कस्टोडियल बर्बरता करार दिया है। अदालत ने कहा कि राज्य सरकार इस घटना के लिए जिम्मेदार है और पीड़ित परिवार को मुआवजा देने के साथ दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

BILASPUR NEWS. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने धमतरी में पुलिस हिरासत में हुई युवक की मौत को कस्टोडियल बर्बरता करार दिया है। अदालत ने कहा कि राज्य सरकार इस घटना के लिए जिम्मेदार है और पीड़ित परिवार को मुआवजा देने के साथ दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
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मामला धमतरी जिले के अर्जुनी थाना क्षेत्र का है। राजनांदगांव के रहने वाले दुर्गेश कठोलिया (41 वर्ष) को 29 मार्च 2025 को पुलिस ने धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया था। 31 मार्च की शाम करीब 5 बजे उसे धमतरी के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया।
इस दौरान दुर्गेश पूरी तरह स्वस्थ था। लेकिन मात्र तीन घंटे बाद रात 8 बजे पुलिस हिरासत में उसकी मौत हो गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसके शरीर पर 24 चोट के निशान पाए गए थे, जिससे साफ हुआ कि उसके साथ मारपीट हुई थी।
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दुर्गेश की मौत के बाद उसकी पत्नी दुर्गा देवी कठोलिया, मां सुशीला और पिता लक्ष्मण सोनकर ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। उन्होंने दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई और उचित मुआवजे की मांग की थी।
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हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी
हाईकोर्ट ने कहा कि किसी व्यक्ति की पुलिस हिरासत में मौत लोकतांत्रिक शासन और कानून व्यवस्था पर गहरा प्रश्नचिह्न लगाती है। न्यायालय ने कहा कि यह घटना “मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन” है। अदालत ने राज्य सरकार को पीड़ित परिवार को मुआवजा देने और जिम्मेदार पुलिसकर्मियों पर कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इस घटना ने प्रदेश में पुलिस कार्यप्रणाली और मानवाधिकारों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।