Sawan 2025: शिव भक्ति का चरम दिन – बन रहे हैं तीन शुभ योग, जानिए पूजा का समय और विधि
Bilaspur news: श्रावण मास का चौथा और अंतिम सोमवार आज विशेष पुण्यफल देने वाला माना जा रहा है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, ब्रह्म योग और इंद्र योग का अद्भुत संयोग बन रहा है, जिससे भगवान शिव की पूजा अत्यंत फलदायी रहेगी।

Bilaspur news: श्रावण मास का चौथा और अंतिम सोमवार आज विशेष पुण्यफल देने वाला माना जा रहा है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, ब्रह्म योग और इंद्र योग का अद्भुत संयोग बन रहा है, जिससे भगवान शिव की पूजा अत्यंत फलदायी रहेगी।
ज्योतिषाचार्य संदीप तिवारी के अनुसार, “इस वर्ष का अंतिम सावन सोमवार अत्यंत शुभ और दुर्लभ संयोग लेकर आया है। सर्वार्थ सिद्धि योग जीवन में रुके कार्यों को गति देगा, वहीं ब्रह्म योग मानसिक शांति प्रदान करेगा। जो भक्त सच्चे मन से व्रत और अभिषेक करेंगे, उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।”
उनके अनुसार, यह दिन विशेष रूप से मेष, कर्क, कन्या, वृश्चिक और मकर राशियों के लिए लाभकारी है। शिवजी की पूजा से इन राशियों को करियर, आर्थिक मामलों और पारिवारिक जीवन में शुभ समाचार मिल सकते हैं।
पूजा विधि और शुभ मुहूर्त
अमृत काल: सुबह 5:44 बजे से 7:25 बजे तक
शुभ काल: सुबह 9:06 बजे से 10:46 बजे तक
तिथि और नक्षत्र: दशमी तिथि और अनुराधा नक्षत्र का विशेष संयोग।
पूजन विधि:
1. सुबह स्नान कर व्रत का संकल्प लें
2. शिवलिंग पर जल, दूध, दही, बेलपत्र, सफेद फूल चढ़ाए.
3. मंत्र जाप करें: “ॐ नमः शिवाय” व “महामृत्युंजय मंत्र”
4. व्रती फलाहार करें, दान-पुण्य करें
क्यों है यह सोमवार विशेष?
आचार्य संदीप तिवारी बताते हैं कि सावन का अंतिम सोमवार उन भक्तों के लिए भी विशेष फलदायी होता है जिन्होंने पूर्व के सोमवार व्रत नहीं रखे। इस दिन व्रत और पूजा करने से पूरे माह का पुण्य प्राप्त होता है।