Vyapam Sub Engineer Exam: सख्त सुरक्षा और कठिन प्रश्नों से परीक्षार्थी चिंतित, डार्क कपड़े पहनने वाली छात्रा को वापस भेजा, हर सेंटर पर जैमर और पुलिस तैनात
Vyapam Sub Engineer Exam: बिलासपुर में व्यापमं द्वारा आयोजित जल संसाधन विभाग के सब इंजीनियर पद की भर्ती परीक्षा रविवार को सख्त सुरक्षा व्यवस्था के बीच आयोजित की गई।

Vyapam Sub Engineer Exam: बिलासपुर में व्यापमं द्वारा आयोजित जल संसाधन विभाग के सब इंजीनियर पद की भर्ती परीक्षा रविवार को सख्त सुरक्षा व्यवस्था के बीच आयोजित की गई। इस परीक्षा में कठिन प्रश्नों ने अभ्यर्थियों को खासा परेशान किया। परीक्षार्थियों का कहना था कि कई प्रश्नों को समझने में ही बहुत अधिक समय लग गया, जिससे वे पेपर समय पर हल नहीं कर पाए।
17 परीक्षा केंद्रों पर सख्त इंतजाम
शहर में इस परीक्षा के लिए कुल 17 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे, जहां कुल 5987 परीक्षार्थियों को शामिल होना था। 14 जुलाई को हाईटेक नकल की घटना के बाद सुरक्षा व्यवस्था को काफी सख्त किया गया था। परीक्षार्थियों के सेंटर में प्रवेश के बाद गेट को ताले से बंद कर दिया गया और बाहर बंदूकधारी पुलिस बल तैनात रहा।
डार्क कपड़ों में पहुंची छात्रा को भेजा गया वापस
सरकंडा स्थित रामदुलारे मिश्रा हाई स्कूल में एक महिला परीक्षार्थी को प्रवेश से रोक दिया गया क्योंकि वह गहरे रंग के कपड़े पहनकर आई थी। परीक्षा दिशा-निर्देशों के अनुसार परीक्षार्थियों को हल्के रंग के कपड़े पहनकर आना अनिवार्य था। महिला ने तत्काल हल्के रंग के कपड़े का इंतजाम किया और बाद में परीक्षा में भाग लिया।
90% थ्योरी और 75% टेक्निकल सवालों ने बढ़ाई टेंशन
100 अंकों के प्रश्न पत्र में 90 प्रतिशत प्रश्न सैद्धांतिक (थ्योरी) और मात्र 10 प्रतिशत अंकगणितीय (न्यूमेरिकल) थे। परीक्षार्थियों के अनुसार 75 प्रतिशत सवाल तकनीकी (टेक्निकल) और 25 प्रतिशत गैर-तकनीकी (नॉन-टेक्निकल) थे। चार विकल्पों में से सही उत्तर चुनने थे, लेकिन अधिकांश प्रश्न इतने जटिल थे कि एक-एक प्रश्न को समझने में काफी समय खर्च हो गया।
परीक्षा में पूछा गया दिलचस्प सवाल
परीक्षा के बाद बाहर निकले परीक्षार्थी आपस में एक प्रश्न को लेकर चर्चा करते नजर आए, जो था—”अधिकतर निर्माण विवाद किसके बीच होते हैं?” चार विकल्प दिए गए थे—श्रमिक और इंजीनियर, इंजीनियर और ठेकेदार, ठेकेदार और ग्राहक, ठेकेदार और जनता। परीक्षार्थियों को इन विकल्पों में से सही उत्तर का चयन करना था।
NEET जैसी व्यवस्था में परीक्षार्थियों की दो घंटे पहले एंट्री
इस बार व्यापमं ने NEET परीक्षा की तर्ज पर परीक्षार्थियों को परीक्षा प्रारंभ होने से दो घंटे पहले एग्जाम सेंटर पहुंचने का निर्देश दिया था। इसका उद्देश्य सभी परीक्षार्थियों की पूरी जांच करना था। इसके अलावा परीक्षार्थियों को केवल हाफ शर्ट या टी-शर्ट पहनने की अनुमति दी गई थी।
जूते, बेल्ट और एक्सेसरीज पर रोक
परीक्षा केंद्रों में प्रवेश से पहले परीक्षार्थियों से जूते और बेल्ट उतरवा लिए गए। मोबाइल फोन, घड़ी, टोपी, स्कार्फ, बेल्ट और किसी भी प्रकार की धातु सामग्री ले जाना पूरी तरह से वर्जित था। परीक्षार्थियों को अपने बैग भी परीक्षा केंद्र में रखने की अनुमति नहीं थी। मुस्लिम और सिख समुदाय के परीक्षार्थियों की अलग से विशेष जांच की गई।
मेटल डिटेक्टर और फिजिकल जांच से हुई एंट्री
प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर एक पुरुष और एक महिला पुलिस कर्मी तैनात किए गए थे, जो हैंडहेल्ड मेटल डिटेक्टर से सभी परीक्षार्थियों की फिजिकल जांच कर रहे थे। परीक्षा प्रारंभ होने के बाद भी ये कर्मी बारी-बारी से परीक्षा केंद्र और उसके आसपास लगातार गश्त करते रहे।
हर परीक्षा कक्ष में लगाए गए जैमर
सरकारी जानकारी के अनुसार, हर परीक्षा केंद्र के प्रत्येक कक्ष में जैमर लगाए गए थे ताकि मोबाइल सिग्नल पूरी तरह से बंद रहें और नकल की कोई संभावना न रहे।
परीक्षा से 15 मिनट पहले बंद कर दिए गए गेट
परीक्षा सुबह 10 बजे से शुरू होनी थी, लेकिन परीक्षा केंद्रों के गेट 9:45 बजे ही बंद कर दिए गए। परीक्षा 10:00 बजे से लेकर 12:15 बजे तक आयोजित की गई। इस दौरान किसी भी प्रकार की इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, पहनने योग्य गैजेट्स या अन्य प्रतिबंधित सामग्री परीक्षा केंद्र में लाने की अनुमति नहीं थी।